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रघुवरजसप्रकास
अरथ रेणखरौ गीत नै प्रहाससांणोर दोन्यूं गीत अंक छै । नाम दोय छै । लछण एक छै । पैली तुक मात्रा तेवीस । दूजी तुक मात्रा सतरै । तीजी तुक मात्रा बीस । चौथी तुक मात्रा सतरै होय । अंत दोय गुरु पछै बीस सतरै इण क्रमसू मात्रा होवै छै । प्रागै सांणोरमें प्रहास क ह्यौ छै सो देख लीज्यौ। इति रेणखरा गीत निरूपण।
अथ गीत मुड़ियल सावझड़ी लछण
मुड़ियल सावझड़ी हुवै, पालवणीस दुमेळ । सावझड़ौ जयवंत सौ, सुध लछणां समेळ ॥ २०५
अरथ मुड़ियल गीत सावझड़ौ दुमेळ तथा पालवणी तथा जयवंत नाम सावझड़ी। अगाड़ी पै'ली प्रथम तीन सावझड़ा कह्या ज्यां मध्ये जयवंत सावझडौ जिणनै दुमेळ कर पढणौ। सोई पालवणी, हर सोई मुड़ियल कहावं। मात्रा प्रमाण । पैली तुक मात्रा उगणीस तथा मात्रा अठारै होय और पनर ही तुकां मात्रा सोळे सोळ री होय । तुकांत दोय गुरु अखिर आवै सौ मुडैल ( मुड़ियल ) सावझडौ तथा पालवणी दुमेळ जयवंत अंक छै । प्रागै जयवंत पालवणी कह्या छै सौ काम पड़े तो देख लीज्यौ। इति मुड़ियल गोत निरूपण।
अथ गीत प्रौढ सांणोर निरूपण लछण
सोरठिया हर प्रोढ मझ, भेद रती नह भाळ । सोरठियौ यण ग्रंथ मझ, दीधौ प्रथम दिखाळ ॥ २०६
- अरथ प्रोढ सांणोर हर सोरठियौ सांणोर अंक छ । यारा लछरण अंक छै । रती भेद नहीं। नाम दोय छै। मात्रा प्रमाण पै'ली तक मात्रा उगणीस तथा सोळ । बीजी तुक मात्रा दस । तीजी तुक मात्रा सोळं होय । चौथी तुक मात्रा दस होय । तुकांत लघु होय । पछै मात्रा इग्यारै, दस, सौळ दस ईं क्रमसू होय । प्रागै इण ग्रंथमें कह्यौ छै सौ देख लीज्यौ । इति गीत प्रोढ निरूपण ।
२०६. हर-अर, और । मझ-मध्य । भेद-फरक । नह-नहीं। भाळ-देख । यण-इस । दीधौ
दिया। दिखाळ-दिखलाई। यारा-इनके। पछ-बादमें। ई-इस ।
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