Book Title: Raghuvarjasa Prakasa
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur

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Page 381
________________ ३५६ ] रघुवरजसप्रकास क्र.सं. पंक्ति पृष्ठ प्रकरण पद्यांक नाम २८० ४ २२३ १३३ ३ ८१ ६४ २ २१६ ६७ २ २२६ ६७ २ १०१ २५५ ४ १६७ २७६ ४ २१३ २७८ ४ २१७ २७१ ४ २०२ २३८ ४ १३४ २२८ ४ ११३ १५८ ३ १६७ २१ १ ६६ २६३ ४ १८४ . ४५ दोय सगरण पद च्यार दख ४६ दो हुजबर अंतह सगरण ४७ द्वादस छपय अह दखे ४८ द्वादस बळ द्वादस तुकां ४६ धन धन कुळ पति मात धन ५० धुर अठार उगरणीस मत ५१ धुर अठार ग्यारह दुती ५२ धुर अठार चवदह दुती ५३ धुर अठार चवदह धरौ ५४ धुर अठार फिर चवदह घर ५५ धुर अठार फिर पनर घर ५६ धुर अठार फिर बार घर ५७ प्रांठ भगरण किरीट कहि ५८ प्राठ भांत प्रस्तार मत्त ५६ पाठ वरण धुर दूसरी पाठ सुमत्ता करम ए ६१ प्राद अठार पनर फिर प्राद अंत टुप्पय नगरण ६३ प्राद अंत तुकरै झमक ६४ माद अंत लघु ऊचरै प्राद कहै सौ अंतमें प्राद कंठ चव अक्खिरां प्राद चरण अट्ठार मत ६८ प्राद पाय उगरणीस मत ६६ प्राद लघु लघु अंतमें ७० प्रायुध गरम कह पंचकळ ७१ प्रांगळियां करतूं प्ररथ ७२ इंद्रासण रवि चाप कहि ७३ उकतसु नव ग्यारह जथा ७४ उगरणीसह चव पद अखिर ७५ उगाही कर पाद यक ७६ उचरै प्राळ जनाळ अ ७७ उलटौ रस उलाल उरण ७८ एक अंक लोपै तिकरण ७६ एक करण दुज बरसु खर U ३१३ ४ २८१ ६५ २ २१७ १०३ २ २४२ ४४ २४६ १०५ ३१७ ४ २६१ १८६ १८८ ४ ४६ mour १०६ २ २५० १ २७ GK १०१ २ २३४ ११३ २ २७० ७२ २ १२५ ३७ १ १०४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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