Book Title: Raghuvarjasa Prakasa
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur

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Page 387
________________ ३६२ ] रघुवरजसप्रकास क्र.सं. पंक्ति पृष्ठ प्रकरण पद्यांक नाम २८३ ४ २२६ २ १५ ८८ २ १९८ २४८ ४ १५६ १४० ३ १०६ २३२ ४ १२२ २३७ ४ १३२ ३४० ५ ३८ २६२ ४ २४७ २८४ ४ २३१ ७२ २ १२७ ३०६ ४ २६८ २५७ ४ १७३ ५८ २५५ पूरब जुगल पहलां पढ़ी २५६ पूरबारध मत भाख पढ़ २५७ पेट काज नर जस पढ़े २५८ पेट हेक कज पात २५६ पेट हेक कज पात २६० पैली दूजी सूं मिळे २६१ पंच गुरू सगरगह भगरण २६२ पंचम अटम सातमी २६३ पंचम छठी सातमी २६४ प्रगट छंद अनुस्टपां २६५ प्रगट जांगड़ा गीत पर २६६ प्रथम तीन तुक चवद मत २६७ प्रथम त्रीये मत बार पढ़ २६८ प्रथम दूहो कर तास पर २६९ बड़ा जैरण सांणोर विच २७० बार प्रथम तेरह दुतीय २७१ बारह मत तुक पाठ प्रत २७२ बारा प्रखिर तुक एक प्रत २७३ बिबुध भाख ब्रज भाख बिच २७४ बीस अठारह क्रम प्रवर २७५ वीस छ मता अंत लघु २७६ बीस बीस चोपद वरण २७७ बे छंदां मिळ छंद व्है २७८ बे सुद्ध थळ विपरीतरै २७६ भख पहुंचावै भूधरौ २८० भगरण रगरण दुजबर नगण २८१ भगवत गीता ऊ भरणे २८२ भ ज स न र ह पनरह अखिर २८३ भमर अखिर छाईस भरण २८४ भाख गीत तुक कवि भरणे २८५ भाग चीतवौ वरण नव २८६ भाचा रस तांडव कहाँ २८७ भेद च्यार जिरणरा भरणौ २८८ भौळा प्रांणी राम भज. २८६ मगरण त्रिगरण मगरगह लघु २४५ ४ १४८ २५६ ४ १७० १६३ ४ ६० ३२२ ४ २६८ २ २४० २ १६६ ८८ ६५ २ ६४ मदकळ ३ १५७ ८८ २ १६७ १४५ ३ १२४ ६३ २ ८४ ३१२ ४ २७६ १६८ ४ ६५ ६४ २८८ २ १७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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