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२७८ ]
रघुवरजसप्रकास
अथ गीत काछौ मात्रा समचरण छंद लछण
दूहा
तीन कंठ ति
धुर-अठार चवदह दुती, बारह तीजी तीन कंठ धुरतुकता, मत चौमाळ मुबी तुक छाबीस मत, पूरब अरध तुकं तरै, अंत लघु तुक तीजी अठवीस मत, बेद छबीस रणरण कंठ तुकंत लघु, चौथीत उचार ॥ २१६ न दूहां धुर तुकतणै, मत चाळीस मंडांण ।
आ राह ॥ २१८
बिचार |
छावी बीजी चतुरथी, ती अठवीस प्रमाण || २२० अनुप्रास गुरु अंत अख, भण तुकंत लघु भाय । जपियां छौ रांम जस, काछौ गीत कहाय ॥ २२१
बेस ।
मुणेस ॥ २१७ माह ।
अरथ
काछा गीत तुकां च्यार दूहा प्रत जिणरै मात्रा प्रमांण । पैौली तुक मात्रा चौमाळीस | कंठ तीन पैली तुकमें होय । पहली कंठ तौ मात्रा ग्रठारै ऊपर होवे । जो ग्रनुप्रास मात्रा चवदै पर होवे । तीजी ग्रनुप्रास मात्रा बारे पर होवे । पूं पैली तुक तीन ग्रनुप्रास गुरुवंत होवै । मात्रा चौमाळीस होवै । तुक दूजी मात्रा छाईस होवै । अनुप्रास तीन । पै' ली कंठ मात्रा नव पर । दूजी कंठ मात्रा सात पर । तीजी कंठ मात्रा दस पर । तीसरौ पूरवारध नै उतरारध दोनोंही लघु अंत होय । तुक तीजी मात्रा अठावीस (अठाईस ) तीन कंठ होय । चौथो तुक मात्रा छाईस
२१७. दुती- दूसरी । कंठ अनुप्रास । धुरतुकरुणा-प्रथम चरण के । मत मात्रा । चौमाळचवालीस | मुणेस - कह 1
२१८. मुण - कह | बी- दूसरी । छाबीस-छब्बीस । तिण-उस । माह में ।
२१६. प्रठवीस - अठाईस । बेद-चार, चतुर्थ । छबीस - छब्बीस । त्रण - तीन । चौथीतणेचौथीके |
२२०. श्रन - अन्य | हां- गीत छंदके चार चरणोंके समूहका नाम। धुरनुकतण - प्रथम चरणके । मंडांण-रख । छावी- छब्बीस । बीजी-दूसरी । तो तीसरी । अठवीसअठाईस ।
२२१. अख-कह | यूं - ऐसे । गुरुवंत - जिसके अन्त में गुरु वर्ण हो ।
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छाईस - छब्बीस |
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