Book Title: Punya ka Fal
Author(s): Dharmchand Shastri
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 6
________________ जैन चित्रकथा सेठदत को रास्ते में एक जंगल पड़ा। मैंने इतना धन कमाया है। इसमें से कुछ भाग उसे भी दूंगा। वह अवश्य मेरी प्रतीक्षा कर रही होगी। IYE SimIEO Ek COM इस जंगल में सहसभट नामक एकचोर रहता था। सेठ दत्त उस जंगल से गुजरा तो सहसभट ने उसे देख लिया। 'Kw Folum 5000minet aane ये कोई सेठ है। इसके पास अवश्य ही धन होगा। मुझे इसका पीछा करना चाहिए। सहसभट चौर,सेठ दत्त के पीछे-पीछे छिपकर चलने लगा।

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