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पाठभेदाः
३२. रागद्वेषोदयोद्धता:-0. ३३. परत्रेह च-C. ३४. निवृति-C. ३५. शाश्वता-G. ३६. स्वगुणालङ्कृतस्य-B. E. ६७. नित्य- B. D. G. ३८ बलहीना च-C. ३९ उपभोगयोग्येन-13. HE. F. G ४०. चाटुकर्म -B. E. G. ४१. परिवादात्मोत्कर्षाच्च-B. G. ४२ रम्यकरसरागसेविता-C. ४३. समनुगम्य:-B. C. 1). E. E. G. ४२. अविकम्पम्-G. ४५. क्षपणोपायञ्च-G. ४६ षण्डक-C. ४७. एषणानहा --G. ४८. क्रिया:-G. ४९. परान्योन्याः -G. ५०. व्यापृत:- B. C. D. E. F. G. ५१. चेष्टते-C. ५२. काङ्क्षया-C. ५३. तत्सरागो-B. G. ५. शोकरहितस्य-C. ५७. त लभते न-B. D. F. G. ५६. उपासितो-D. F. ५७. जितलोभरोषमदन:-A1. D.E.. ५८. निर्जर:-D. E. F. G. २९ ब्रह्मचारिणां-B. D.E. F.G. ६०. नालाधनिको-C. ६१. (a) विद्वेष्टि-18. G.
(1) विद्वेष्टि:-E. ६२. (a) कलपाकल्पश्च-B.
(b) कल्पाकल्पस्य-D. ६३. योगभरयात्रमात्रार्थ -C. ६४. पुत्रिपलवच्च-C. ६.. दारूपमधृतिः -B. E. ६६. कल्प-C. D.
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