Book Title: Prakrit Padyanam Akaradikramen Anukramanika 02
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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अक्खे वराडए वा कडे
अच्चंतियाववाएण, किं अक्खे वराडए वा कढे (वि.सा.)६१७ अग्गग्घाओ मूलं, (गु.त.) १।९० अग्नेयं च वायव्यां, परिघ- (ज्यो.) ११७ अक्खे वराडए वा, कटे (गु.भा.) २९ अग्गट्ठियं तण्णयरस्स (न.मा.) २।२६ अघणकुठे(? डे) अकवाडे (आरा.२) ३९० अक्खेहि तेहिं लोओ (न.मा.) २१४८ अग्गमहिसीपरिसाणं, (दी.प.) २०४ अचक्खुचक्खुदंसण- (पं.सं.) १९ अक्खोभिरियालोयणगमण- (उ.प.) ६१० अग्गहणंतरियाओ (कर्म.) १९ अच त य वग्गा उत्तर- (ज.पा.) २४३ अखंडियाहं दुलंति (प्रा.सं.) ११० अग्गहितम्मि य तम्मि (ध.सं.) ११४५ अचरिमपरियट्टेसुंकालो (वि.वि) ७९ अखुद्दचित्तत्तणओ हवेज्ज, (ध.गु.) ९ अग्गहियम्मि वि जायइ (ध.सं.) ७३९ अचलव्व चलइ थेवं पि (सं.मा.) १२ अखुद्दा य अकिविणा, (हि.उ.) १३ अग्गहिये गुणो गहिते । (ध.सं.) १०९८ अचलस्स वि अमरपरिग्गहाई (ति.गा) ५९१ अगए विसकर जवमेत्त (उ.प.) ११६ अग्गायणीपुवाओ (क.सं.) १६९ अचलियसम्मत्ताणं, सुरा (पु.मा.) १०३ अगणिजियत्ते बहुसो (आरा.३) १६६ अग्गा-ऽऽहारे बहुगा (स्त.) १२८ अचिअत्तघरे गमणं अचि- (मु.कु.) २२ अगणि त्ति पलीवणयं, (चे.म.) ४४६ अग्गाहारे बहुगा दीसंति (पंच.) १२३७ अचिता खलु जोणी, नेरइ- (त्रै.दी.) ४९२ अगणियकुलमालिण्णा (न.मा.) ११४२ अग्गि सूरं च विणा (उ.प.) ६३ अचित्तजले सचित्तीभवणे (ल.सा.)७० अगणिय जो मुक्खसुहं (आरा.२)६८७ अग्गि-जल-वाल-विसहर- (आरा.१)८६७ अचित्त जोणि सुरनिरय, (बृ.सं.) ३२४ अगणियपरिस्समो तो (न.सू.) ९ अग्गि जले जिव (बा.बो.) ७७ अचित्तभोइयाणं सड्ढाण (ल.सा.) ३४ अगणिवरिसं कुणंते (भ.भा.) १५५ अग्गिट्ठइ सिरिजालियइ, (क्षान्ति) ३१ अचित्तमहाखंधो, (नव.४) १९ अगणीउ व छिदेज्ज व, (चे.म.) ४४५ अग्गि त्ति साऽगिणी (पंच.) १४४६ अचियत्तं पडिकुटुं च, (उ.चि.) ३५९ अगणीओ छिदिज्जा चउरो (वि.सा.)६९० अग्गिभूई ११ तियकप्पे (वि.सा.)७८ अचियत्तुग्गहनिवसण, (सप्त.) १७० अगणी खोट्टण चूरण (भ.भा.) १८१ अग्गिमअराइमाणं, (का.स.)६० अचिरागयवणिमरणे, (चे.म.) ५६० अगणेय सोम सुरगुरु, (ज्यो.) १२९ अग्गिमओ आयुहरो (वा.सा.)२० अचुअ असंखं सुअही, (सि.पं.) २८ अगय १ पडिवास २ पत्था (उप.) २०३८ अग्गियए पव्वयए बहुली (उ.प.) ९३८ अचेलुक्कुद्देसिय, सिज्जापय (सप्त.) २८८ अगरं खासदुवारं किण्हागर (धातू.) ४५ अग्गियपव्वयप्पमुहेहिं (न.मा.) ८६० अच्वंकारिअ दठूण को (शी.कु.)१६ अगरकप्पूरमीसंतु, (श्रा.दि.)६९ अग्गि-विस-किण्हसप्पाइ- (आरा.१)५७४ अच्चंगसीलंगमणंगरंग- (ध.गु.) ४७ अगरिहसंसत्तअचित्त- (पिं.लो.)३८ । अग्गि-विस-किण्हसप्पाइ- (आरा.१)५७५ अच्चंतं दड्ढम्मि बीयम्मि, (दं.प.) १४ अ-गिद्धो जो उ दव्वम्मि, (द्र.स.) ११ अग्गिसिह अग्गिमाणव, (त्रै.दी.) ४८ अच्चंतं दड्डम्मि य बीयम्मि (र.सं.) २०५ अगिभूइ ११ तइयकप्पे (सप्त.) ३२ अग्गिसिह अग्गिमाणव, (बृ.सं.) २१ अच्चंतं भेदाओ अतिप्प- (ध.सं.) ४२९ अगीअत्थो न विआणइ, (गाथा.) ३३५ अग्गीअयपिंडो इव अन्नो- (श.भा.) १५० अच्चंतणिसेहत्थं, आउक्काया (गु.त.) १११३० अगीयत्तं अवरे उ अत्तणो (जी.अ.)२०१ अग्गीओ नवि जाणइ (आ.प्र.) १९ अच्चंतदारुणाई कम्माई (श्रा.प्र.) १०२ अंगीयत्थकुसीलेहि संगं (सं.प्र.) ४३४ अग्गीओ न वियाणइ (आरा.१)१६४ अच्चंतनिरणुकंपा, काऊणं (हि.उ.) ६२ अगीयत्थकुसीलेहि, संगं (सं.सि) ५९ अग्गीओ न वियाणई, (पु.मा.) ३६३ अच्चंतपाढिएहिं वि इमेहिं (न.मा.) ८५४ अगीयत्थादान्ने, खित्तेऽ- (दं.प.) २०० अग्गीजालण रयणा विक्कय (उ.प.) ५६८ अच्चंत-पाव-भीरू रज्जं (ध.मा.) ५१ अगीयादान्ने खेत्ते । (जी.अ.)८९ अग्गी डहति ण तु णहं (ध.सं.) २९३ अच्चंतपावोदयसंभवाउ, (उ.स.) ५५ अगुणत्तीसं पुण्णा (जो.प.) ११६ अग्गी दक्खणि नेरय, (ज्यो.) १३३ अच्चंतभत्तिराओ, पंचहिं (हि.उ.) २६ अगुण विवण्णच्छायं (र.प.) ६६ अग्गी दाहो रेवय, पंचग (ज्यो.) १२० अच्चंतभेदतो इय सव्वो (ध.सं.) २३४ अगुणीससहस्स अट्ठार (प्र.सा.) ३४१ अग्गी मा एआओ एणाओ (पंच.) १२५५ अच्चतमप्पमाओ वि भावओ (पंच.) १५६२ अगुणे मज्झत्थत्तं कायव्वं (उ.र.) १९७ “अग्गी मा एआओ एणाओ (स्त.) १४६ अच्चंतमसज्झाई, लिला (न.प.) १०० अगुरुयलहु उवघायं, (पं.सं.) १२५ अग्गी १० य पयावति (जो.प.) १४९ अच्चंतमसिणफासा (प्र.सा.) १४८५ अगुरुयलहुयचउक्कं, (क.प्रा.२) ५१ अग्गीयस्स इमं कह? (पंचा.) ५०३ अच्चंतवणस्सइणो वि (वि.ण.) ५४ अगुरुलहुग उवघाय परघा (क.प्रा.५) ९१ अग्गीयादाइण्णे खित्ते (साधु.) १९ अच्चंतविवज्जासिय,- (ध.कु.) २९ अगुरुलहु पराघायं, (न.भा.) ४० अग्गीयादाइण्णे खेत्ते (उ.प.) ८४१ अच्चंतसुरहिगंधा, (दे.प्र) ३२० अगुरुलहु पराघायं उस्सासं (प्र.सा.) १२८५ अग्गे अलिंद तियगं इक्किकं (वा.सा.)९७ अच्चंतसुरहिगंधा, फासे (त्रै.दी.) १३२ अगुरुलहु मिमिणसासा (ल.भा.) १८ अग्गेआइसु पयाहिणेण (ल.क्षे.) १२७ अच्चंत सुरहिगंधा, फासे (बृ.सं.) १०२ अगुरुलहू उवघायं निम्माणं (स.सा.) २३ अग्गे दाहिण-वामे अट्ठ8- (प्रा.वि.) ४६ अच्चंताऽसाहारणगाहगमह (ध.सं.) ४३४ अगुरुलहू उवघायं परघा- (स.सा.) ५२ अग्घाईउ भणिस्सइ अह (श.भा.) ६८८ अच्चंतिअसुहहेऊ एअं (पंच.) १५६० अगुरुलहू परघायं उस्सासं (वि.सा.)८०६ अग्घाणो अण्णइओ (दे.ना.) १९ अच्चंतियं पि नो तं, (चे.म.) ४२० अग्गक्खंधो अणि (पा.ल.) २१० अग्नि १रापः २ स्त्रियो (गाथा.) ८१९ अच्चंतियाववाएण, किं (व्य.कु.)४६
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