Book Title: Prakrit Padyanam Akaradikramen Anukramanika 02
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 24
________________ अंबस्स य निंबस्स य, अइसुट्ठिओ त्ति गुणसमुइओ अंबस्स य निबस्स य, (सं.सि) ६२ अइगरुयमोहविहुणिय- (जी.अ.)३० अइभद्दाए बलस्स य पुत्तो (ध.मा.) १११ अंबस्स य निंबस्स य दोण्हं (पंच.) ७३६ अइगुरुओ मोहतरू अणाइ- (पंच.) ४० अइमंद-मज्झ-दारुणपीडाइं (अ.चू.) २० अंबस्स य निबस्स य दोण्हं (सं.प्र.) ४३८ अइचंगो ललिअंगो (वि.नि.)१५ अइमुत्तय-जाईहि य (सा.प.) ३६ अंबामलयजयंती करपढकर- (द्वा.व.) २५ अइचुक्ख तिक्खधारा (रप.) ३१ अइमुत्तो माहविआ (पा.ल.) २५६ अंबिल-जुयम्मि दुद्धे (प्र.सा.) २२८ अइ चुक्ख निम्मला जे (र.प.) १२९ अइयरणं जह जातं सिव- (न.प्र.) ९ अंबिलजुयम्मि दुद्धे (प.भा.) ४० अइ चुक्ख रुप्प तंबय कमि (द्र.प.) ३३ अइयारबहुलयाए संपइ (जी.अ.)२८६ अंबिलतवसुसियंगा, (म.कु.) ८ अइणग्घं जिणवयणं (न.मा.) ६१९ अइयारमलकलंकं पमाय- (ध.र.) १०४ अंबिलदुगे वि इग दुति, (वि.त.) २० अइतिक्खो खेयकरो होहि- (न.सू.) ३७ अइयारेसु अइक्कमवइक्कम (स.प्र.) १५९९ अंबिलदुगे वि इग दुति, (तप.) २० अइतेय-अग्गिवणं लालं (रप.) १०४ अइर-तिरोछड्डियए मीसेसु (पिं.लो.)६४ अंबिल नीरसजलं दुप्पायं (सं.प्र.) १५६८ अइत्थावणाइयाओ सन्नाओ (पं.सं.) ६४० अइरतिरोसाहरिए मीसेसु (पिं.लो.)४७ अंबिलपच्चक्खाणे दव्व- (ओ.) ६ अइत्थावणालियाए पुण्णाए (पं.सं.) ६३१ अंइरपरंपरठविए मीसेसु । (पिं.लो.)४० अंबिल वीसा वीसा, (तप.) १६ अइदंपज्जत्थो पुण मोक्खंगं (उ.र.) १७१ अइरपरंपरपिहिए मीसेहिं (पिं.लो.)४४ अंबिल वीसा वीसा, चउ- (वि.त.) १६ अइदाणमुहरकविअण, (दा.कु.) १५ अइराग पाणवसणे मंडल- (उ.प.) ९९० अंबिलुदए अवारु-णुदए (जी.सं.) २७ अइदीहमग्गखेहेण (न.मा.) १७६ अइराणी इंदाणीइ (दे.ना.) ५८ अंबुरुहं सयवत्तं सरोरुहं (पा.ल.) १० अइदुक्करं पि चरणं, न (हि.उ.) २० अइरादेवीउयरे, अवयरिए (चे.म.) ५९६ अंबु सलिलं वणं वारि (पा.ल.) २८ अइदुक्करतवकारी, जगगुरूणं (त.कु.) ११ अइरुक्खमंडगाई पडुच्च (प्रत्या.) २१३ अंबे अंबरिसी चेव, (भ.भा.) ९७ अइदुग्गंधियवायंतमारुअं (धूर्ता.) ४४९ अइरेगगहण उग्गाहिएण (पंच.) ३९४ अंबे अंबरिसी चेव, (प्र.सा.) १०८५ अइदुग्गमगंथपव्वयसिहरोली (गु.वि.) ५२ अइलज्जई अइबीहई (र.सं.) ७६ अंबे १ अंबरिसी २ चेव (र.सं.) १५७ अइदुग्गमविसयग्गामसामि- (विष.) २० अइलहुजहन्नविरिए (श.भा.) ९७४ अंसघणमूलरासे छेयणघण (गणि.) ६२ अइदुज्जयं पि इंदिय- (आरा.२) ३२१ अइलालियं पि अइपालियं (नं.अं.) २४ अंसस्स घणं कुज्जा (गणि.) ६० अइदुद्धरं पव्वयनामरायं (न.मा.) २।३२ अइविसमरागकेसरिनरिंद- (सि.सा.)१ अंसस्स वग्गमूले छेयणमूल- (गणि.) ५९ अइदुब्भिक्खे नरनाह-विग्गहे (हि.उ.) ३२६ अइविस्सरं रसंतो जोणी- (भ.भा.) २७३ अंसाण वग्गरासी हिट्ठिम (गणि.) ५७ अइदुल्लहं च एवं चोल्लग- (उ.प.) ४ अइसंकिट्ठो नरगाइजोगयं (श.भा.) ६३३ अंसु अट्ठमु कटक मज्झाउ, (गणि.) २६३ अइदुल्लहं पि बोहिं, जिण- (हि.उ.) १६८ अइसंकिलिट्ठ-कम्माण (जी.क.)१८ अंसू रस्सी पाया करा (पा.ल.) ४७ अइदुल्लहं पि लद्धं, कहमवि (पु.मा.) ४७२ अइसंकिलिट्ठकम्माणुवेदणे (ध.सं.) ९३८ अंसे जीसे अत्थो, (भा.र.) ५६ अइदुल्लहे सम्मत्ते, संपत्ते (ध.वि.) ३८ अइसंकिलिट्ठकम्माणुवेयणे (वि.सा.)८२६ अंसेण अंसगुणियं (गणि.) ५३ अइदुल्लहो य धम्मायरिओ (वि.मं.) १२४ अइसंकिलिट्ठिमिच्छो (श.भा.) ४८८ अइ दुसमदुरंतच्छेरय! (द्वा.कु.) ९।२४ अइसंकिलेसवज्जणहेऊ (पंच.) ६३१ अइदूसमाइ दुण्णि (सि.प्रा.)९३ अइसंखेवं मोत्तुं, मोत्तूण (ति.गा) ६ अइदूसमाएँ थोवा, अइसइओ भणइ ससो (धूर्ता.) ३६० अइदूसमाएँ थोवा, (सि.प्रा.)९० अइसइओ मूलसिरी कंडरिअं (धूर्ता.) ९४ अइदूसमाएँ थोवा, (सि.प्रा.)९२ अइसइणो अ जमेए वीही- (पंच.) १४८१ अइनिउणबुद्धिजुत्ता (न.मा.) १।१०६ अइसयइड्डिजुयाणं विसे- (सं.प्र.) २३१ अइउप्पज्जइ सस्सं पण्हे (अ.चू.) १३ अइनिउणबुद्धिणा तेण (न.मा.) ७६९ अइसयचरणसमत्था (प्र.सा.) ५९७ अइकडुओ वि हु लिंबो (पर्य.) ६ अइनिद्दोसं एयं, न हु (स्था.) ८ अइसयपावियपावा धम्मिय- (षष्ठि.) २९ अइकढिण गवलवण्णं (धातू.) ४६ अइपंडिओ वि अइबहुगुणो (द्वा.कु.) ८।११ अइसयरयणजलनिही- (प्र.जी.) ८ अइकढिणवज्जकुड्डा होंति (भ.भा.)९० अइपंडुकंबलाए, अइरत्ताए (बृ.क्षे.) ३६० अइसयरहिओ कालो (वि.सा.)५०७ अइकिट्ठोई किच्चा एत्थ (श.भा.) ६५७ अइपरिणामगऽपरिणामगाण (पंच.) ९८० अइसयविरहाओ खित्त- (द्वा.कु.) ९।१८ अइ कूवजलसंचयाओ (स्व.) ११३ अइपालिआहिं पगइत्थि- (आ.कु.)२४ अइसयसुअवायकहा, इएहिं (उ.चि.) ३६१ अइक्कमित्ता जिणरायआणं, (उ.स.) २० अइपीवरेहिं अइदीहरेहिं (न.मा.) १६१८ अइसाहसमेअंजं उस्सुत्त- (य.स.) ८७ अइगरुओ कम्मरिऊ, (ध.कु.) २७ अइपोसियं पि विहडइ, (उ.चि.) १३५ अइसाहसमेयं जं उस्सुत्त- (ध.र.) १०१ अइ गरुओ मोहतरू (पव्व.) ३१ अइबलपुत्ता सयबलपुत्तो (वि.ण.) २९३ अइसी १ लट्टा २ कंगू (गाथा.) २५५ अइगरुयभत्तिबहुमाणचोइओ (चे.म.) ९ । अइबहलनिबिडसेवाल- (न.मा.) ९२ अइसुक्क दारुतरुग (स्व.) ११२६ अइगरुयमच्छरेणं निववसओ (जी.अ.)७१ अइबहलपुलयकलिओ (न.मा.) ७५९ अइसुट्ठिओ त्ति गुणसमुइओ (उव.) ६८ . तग (स्व.)

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