Book Title: Prakrit Padyanam Akaradikramen Anukramanika 02
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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असुद्ध उक्को रसं असुद्ध उक्को
सं
अइसुद्धो पुण तिरिमणुजोगंअसुहुमयाइ जाओ भागाअइसेसइड्डिधम्मकहिवाइ - अइसेसि इट्टि १ धम्मकही अइसेसिड्ढि धम्मकहि अइहारा विज्जू, सण्णियं अहासो १ अइतोसो
(श.मा.) ५९१ (श.भा.) ५८५ (श.भा.) १०९१ (श्री.ध.) ६७ (सं.प्र.) ९२९
( स.स.) ३८
(दे.ना.) ३४ (गाथा.) २७३
(उ.स.) ५३
अईव दुट्ठा विसया विसाउ अउट्ठा उणसत्तरि, सया
(बृ.क्षे.) ९५ (बृ.क्षे.) ५३८
अट्ठा दोन सया,
अर्णाट्ठि सयसहस्सा, अणसियसहस्सा,
(दे.प्र) १६८ (गाथा.) २५१ अट्ठि सहस्सा, चुलसीई (बृ.क्षे.) ६४४
अउणत्तरि चवीसा,
(सि.दं.) ११ (बृ.क्षे.) ६३० (बृ.क्षे.) ४४४ (दे.प्र) १५८
अत्तीसाय भवे, सत्तरसय (त्रै.दी.) १४६
(क-६) ३०
अउनती सिकारससयाणि अउणत्तीसेगारस सयहिय
अठणस सय सहस्सा, अठणातीस सपाई बावीस अउणानउइ सयाई,
( स.भा.) १२३ (त्रै.दी.) १५१ (सि.सा.)४७ (बृ.क्षे.) ३२९ (दे.प्र) ६९ (तिगा) २८४ अउणापण्णं पढमं, (दे.प्र) ६८ अठणापण्णडतीसामुहभूमि (दे.प्र) २३४
अटणापण्णं छत्तीसा
अउणापणं जुयले
(दे.प्र) १७२ (त्रै.दी.) १५५ (जी.सं.) ६९ (बृ.क्षे.) ४५४ (जोग.) ३१
अउत्तरी सहस्सा, लक्खा अउत्तरे नवसए, चत्तालीस अणतीसा य भवे
अ
,
अकरितो अ ण बज्झइ अकलियपणय-विरोहा अकलियत्ता-पत्तं अविअकसाइत्तं इच्छइ, जइ ता अकसाई अइथोवा माणअकसायमहक्खायं, अकसिण-पवत्तगाणं,
अकसिण-पवत्तगाणं अकसिणपवत्तगाणं, अकसिणपवत्तगाणं विरयाअकसिणपवत्तयाणं विरया अकसिणपवत्तयाणं विरया अकहिंसु तुंगिया अकहित्ता कायवए जहाणु| अका (उत्त?) रसर (रा ? ) उ अकारणा णत्थिह कज्जअकिरियभावगुणेहिं अकुताउ कुणंतो अकुणताय कुणता अकुसलकम्मोदयपुव्वअकुसलखओवसमओ,
अउणापण्ण सहस्सा,
अउणापण्ण सहस्सा, अउणापन्नदिणाई, अउणापन्न नवसए, किंचूणे अउणावण्णदिणेहिं अउणा
अकुसलमणो निरोहो, असलवणनिरोहो
अउणावन्नवस किंचूणे (प्र.सा.) १४२१ अकुसलमणप्पवित्तीअउणावीसइभागं, रुंदा (बृ.क्षे.) ३८८ अउणावीससमहियं, (क्षेत्र) २५७ अउणावीससहस्सो (?स्सा) (ति.गा) ८३५ अउणासीइ सहस्सा, बावन्ना अउणीत्तीसिक्कारस अकए काउस्सग्गे, गिट्ठा अकए बीजक्खेवे जहा अकगुरु निण्हवेणं,
(बृ.क्षे.) २१ (क.सं.) ७६ (चे.म.) ४२५ (उ. प.) २२४
-
"
(सु.गु.) ३५ अकचटतपयश पुव्वे, (ज.पा.) ४ अकडुमतित्तमर्णविलम- ( आरा. १) ७५९
अकयमतित्तयमवि अकम्मभूमिसमुत्था अकयं को परिभुंजइ अकयं को परिभुंजइ, अकयकरणा वि दुविहा, | अकयगुरुणिण्हवेणं सूरिअकयतिपुंजो ऊसरअकयतिपुंजो ऊसर, अकयमुहकोस २७ मलिणं अकयागमकयनासा सपरेगत्तं अकयागमकयनासो अकरणणियमावेक्खं
अकूरभावो ५ तह भीरुअक्कंदो आरक्खे, अंबेअच्छी ३६ गोरीभ
अवमिवणं आणा, कारविया अक्कमिऊणं आणा, अक्का पभणइ एसो अक्किरियाए वि सुद्धो भावो अक्को तरणी मित्तो मत्तंडो
(आरा. २) ७१८ अक्को दूए अक्का (श.भा.) ९७६ अक्कोस अरइ इत्थी (भ.भा.) १७१ अक्कोसणतज्जणताडणा (सं.सि) १२० असतणाई संघमहि (गु.त.) २।२९७ अक्कोस हणण मारण (ग.सा.) ४१ अक्कोसाण विसहणं जं (समू.४) १७
अक्खंडं गुणठाणं इट्ठ अक्खंडचंडानिलसंपणुण्ण अक्खंडलो सुरवई पुरंदरो अक्खंडियचारित्तो अक्खंडियचारित्तो वयगह अक्खंडियचारित्तो वयगह
(ध.प.) ४६
(पंच.) ११०४ अक्खंडियचारित्तो, वयधारी (आरा. २) १९४ अक्खं फलिहर्माणि वा (हि.उ.) २४४ अक्खग संथारो वा एगम(उ.चि.) २९१ अक्ख ठाणसमाई, पंतीसु (प्र.पा.) ६० अक्खयनिही सुहाणं
(नव. ४) ७७
अक्खयफलबलिवत्थाइ
अक्खयफलबलिवत्थाइ
अक्खयभावे भावो मिलिओ अक्खयमकिलेससाहणम अक्खयमणंतमउलं जह
(पु.मा.) २३५ अक्खयफलबलिवत्थाइ (स्त) ११५ (सं.सि) १०७ (सं.प्र.) ११८ (पंचा.) २८६ (पंच.) १२२४ अक्खरमत्ताहीणं, जं चिय (ऋषि) ४२ अक्खरमीसं दुग (गु)णं, (पंच.) ६३७ अक्खर १ सण्णी २ सम्मं (ज.पा.) ३०४ अक्खरसन्निप्पमुहा, सेसा (ध.गु.) ३१ अक्खर सन्नी सम्मं, साईअं (सं.प्र.) २०७ अक्खरसरसंजोए, बलाबल (जी.अ.) ६२ अक्खरसरिसा जोणी, मत्ता
अक्खरसुअमिह तिविहं, अक्खरु अक्खड़ किं पि अक्खलियं पडिफलिए, अक्खलियमरकंदप्पमद्दणे अक्खलिय मिलियाइ गुणे, अक्खलियसीलविमला,
अक्खलियसुत्तुच्चारणरूवा अक्खाडओ य रइओ अक्खाणयमणिकोर्स,
(सम्य.) १७ (सं.प्र.) २५१ ( श्रा. प्र. ) २१९ (पं.लि.) ७९
अक्खुदाई धण्णाइया उ (दे.ना.) ६
(प्र.सा.) ६८८
(ध.मा.) २१
(यो.श.) ४६ (आरा. २) ९७८ (सं.प्र.) १३८ (पु.मा.) १९५ (पु.मा.) १९९ (भ.गु.) ५ (दे.ना.) १५
(मि. स्था.) १३ (खा.कु.) १८ (च.क्ष. ) १९ (न.मा.) ७११५ (उ. प.) ८०३ (पा.ल.) ४
अक्खाण रसणी कम्माणअक्खीणमहाणसिया भिक्खं अक्खीणमहाणसिलद्धिअवखुद्दाइगुणेहिं जुत्तो अक्खुदाई धण्णाइया उ
(उव.) १३६
(जी.आ.) ८३
(क्षमा) ४
(ध.सं.) ९०० (पंच.) १६६५
(ध.गु.) ४५
(पा.ल.) २३
(गाथा.) २८९
(सं.प्र.) १४९२
(आ.ग्र.) ११
(सं.सि) ९३
(प्र.वि.) ५२
(पंच.) ८३७
(नम.) २४
(उप.) ३।१२० (सं.प्र.) १६४ (गाथा.) ३०२
(वि. सा.) ६४५ (वि.वि) १५८
(पं.लि.) २२
(जी.ष.) ३
(उव.) ५४४
(ज.पा.) २०२
(गाथा.) ६७२
(हि.उ.) ८६
(क- १) ६ (ज.पा.) ४२ (ज.पा.) ३५१
(गाथा.) ६७३ (दं.प.) १६०
(ना.) २७
(ऋषि) प्र. ४० (पु.मा.) २२
(शी.उ.) ४७
(चे.म.) २७२ (न.मा.) ८|३१
(आ.म.) ५३
(र.सं.) ३२० (प्र.सा.) १५०४
( य.च.) ६८ (भ.वि.) २६ (उ. प.) ९१६
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