Book Title: Paumchariu Part 2
Author(s): Swayambhudev, H C Bhayani
Publisher: ZZZ Unknown

View full book text
Previous | Next

Page 304
________________ क० १२, ८-१०; १, १ - १२ ] पाण्ड तो वरि वधावमि एम भणेवि पडिच्छिउ एन्तउ - रसिय इँ भुव-पञ्जरु कउसलु करेष्पिणु धुत्तें । वेदावि पवणों पुचें ॥ १० * [ ५४. चंउवण्णासमो संधि ] पवर-भुअङ्गोमालियेउ । मलयगिरि व संचालियउँ ॥ हणुवन्त कुमारु दहवयणहों पासु वणी लुप्पल-णयण - जुय 'पवण- पुत्त पइँ विरहियउ सो अञ्जण-पवणञ्जयहुँ सुउ संचालिङ लङ्कहें समुंहउ 'णिविस पुरें पइसारिय एत्थन्तरें पीण - ओहरिहिँ - एर जाउ पवेसियउ आया तो ससि वयणियंउ जाणाविउ तुरियड ईर- इरेंहि 'सु' माऍ काइँ एण किउ तं णन्दण व संचूरियउ अक्खयों जीउ विद्धंसियउ इन्दइण णवर अवमाणु किउ · सुन्दरकण्ड - वडवण्णासमो संधि जें वोल्लमि " रावणेण समाणउ' ॥ इँ सहयरु साइड देतें ॥ ९ ॥ घत्ता ॥ Jain Education International [?] BG.C [१] १ निमिषार्द्धेन, २ ते द्वे इरा एरा आगते. [ २६३ [ सोएं णिरु संतत्त । . कवणु पराणइ वत्त' ॥ १ अइरावय-कर- सारिच्छ भुउ ॥ २ णं णियल - णिवद्ध मत्त गउ ॥ ३ णिय-णासु णाइँ' हक्कारियउ ॥ ४ वलगेहिणि- लङ्का सुन्दरिहिँ ॥ ५ हवन्तों वत्त- गवेसियउ ॥ ६ कुवलय-दल-दीहरणयणियउ ॥ ७ पगलन्त- अंसु - गग्गर- गिरेंहिं ॥ ८ जं णिसियर - णाहों पाण-पिउ ॥ ९ किङ्कर - साहणु मुसुमूरियउ ॥ १० घणवाहण- वलु संतासि ॥ ११ वन्धेवि दहवयों पासु णिउ ॥ १२ ८ For Private & Personal Use Only 14 A अप्पाणउं. 15 Ps वोल्लावमि रावणु राणउं. 16 Ps दिवउ 17 P s वेढाविय. 1. IPs हणुवंतु 2Ps भुअंगमु मालियउ. • 3PS छ ॥, A ध्रुवकं. 4 P reads in the beginning of the next this stanza headed with the word Kadavaka. s. reads it here as well as in the beginning of the next. Kadavaka headed with the word दोहा. 5Ps °पवणंजयहु, A ° पवर्णजयहो . 6 Ps संमुह, A सम्मुहउं. 7 P8 णं णियय णासु. 8Ps पासु, P. noting वस margi - nally. 9 P s °वयणियाउ, A ° वयणियउं. 10 Ps ° मउलियणय णियाउ, 4 °दीहरनयणिवतं. 11 अर. 12Ps संतावियड. 5 10 15 20 www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370