Book Title: Panchsaptati Shatsthan Chatushpadi
Author(s): Rajendrasuri, Yatindravijay
Publisher: Ratanchand Hajarimal Kasturchandji Porwad Jain

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Page 16
________________ W ( ११ ) ८७ श्रीवीरप्रभुनी तपःसंख्या १०७ ३३ ८८-८९ जिनेश्वरोने प्रमाद अने उपसर्ग १०८. ३४ ९० जिनेश्वरोना केवलज्ञाननी मास तिथिओ १०८ ९१-९२ केवलज्ञान-नक्षत्र अने राशि १०९ ३४ ९३-९४ केवलज्ञान-स्थान अने वन १०९ ३४ ९५-९६ ज्ञानतरु अने तेनो मान ११० ३५ ९७-९८ केवलज्ञाननो समय अने तप ११० ३५ चतुर्थ-उल्लास ( स्थान ९९-१४५) ९९ जिनेश्वरोनी निर्दोषता १११ ३६ १०० जिनेश्वरोना चोंत्रीश अतिशय १११ ३६ १०१ जिनवाणीना पांत्रीश अतिशय ११३ ३९ । १०२ जिनेश्वरोना आठ प्रातिहार्य . ११४ ४० १०३ जिनेश्वरोनी तीर्थ-स्थापना ११४ ४० १०४ जिनेश्वरोनो तीर्थप्रवृत्तिकाल ११५ ४१ १०५ जिनेश्वरोनो तीर्थविच्छेदकाल ११५ ४१ १०६ जिनेश्वरोना प्रथम गणधरोना नाम ११६ ४२ १०७ जिनेश्वरोनी प्रथम साध्विओना नाम ११६ ४२ १०८ जिनेश्वरोना भक्तराजा ११६ ४३ १०९-११० जिनेश्वरोना प्रथम श्रावक-श्राविका ११७ ४२ १११ जिनाऽऽगमननी वधाई देनारने प्रीतिदान११७ ४३ ११२ जिनेश्वरोना अधिष्ठायक यक्ष ११८ ४४

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