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श्री पद्मावती पुरवाल जैन डायरेक्टरी
श्री बाबू नैमीचन्दजी गुप्ता, मोरेना समाज के वयोवृद्ध नेवा माननीय श्री वा० नेमीचन्दजी गुप्तका जन्म आज से ७३ वर्ष पूर्व श्री उदयराजजी जैन घेरनी के घर हुआ। स्व० श्री उदयराजजी जैन अपने समय के आदर्श जन सेवक हो चुके है। श्री नेमीचन्दजी जैसे मेधावी बालक को पुत्र रूप में प्राप्त कर आपने अपार हर्ष मनाया और इनकी शिक्षाका समुचित प्रवन्ध किया। श्री नेमीचन्दजी ने भी अपनी तीक्ष्ण बुद्धि और अनुपम स्मरण-शक्ति के कारण शिक्षा क्षेत्र में आश्चर्य जनक सफलता प्राप्त की और शीघ्र ही वी० ए० एल० एल० पी० की उच्च शिक्षा से विभूपित हो गए।
आपकी सारी शिक्षा अंग्रेजी के माध्यम से होने पर भी आपका अपनी संस्कृति के प्रति अनुराग यथावत् बना हुआ है । वकालत को आपने जीविका के रूप में स्वीकार किया, किन्तु अपने निजी जीवन में आप शुद्ध और सात्विक तथा सत्यप्रिय बने रहे। आपका सेवाभावी जीवन व्यस्त रहने पर भी समान-सेवा के लिए सदैव तत्पर रहा है। बाल्यावस्था से ही आपमें स्व समाज को उन्नत तथा समृद्ध देखने की लालसा है। समाज से निरक्षरता को मिटाने का प्रयास आपके जीवन में बरावर बना रहा। समाज के होनहार बालकों को छात्रवृत्ति बांटने का क्रम आप बरावर अपनाए हुए हैं तथा उसके लिए प्रतिक्षण प्रयास करते रहते हैं । आपने दुःख भरे क्षणों में भी समाज-सेवा के व्रत को अक्षुण्ण रखा है।
___समाज-सेवा में दत्तचित्त अनेकों संस्थाओं के आप प्रधान तथा मन्त्री और सदस्य रहे हैं। पद्मावती पुरवाल महासभा के आप प्रधान मन्त्री भी रह चुके हैं। आपने अनेकों संस्थाओं का पोषण कर उनको दीर्घ जीवी बनाया है।
आप दहेज प्रथा के पूर्ण विरोधी है। दहेज की दावानल को शान्त करने के लिए आपने अनेकों बार उत्तम सुझाव दिए तथा सारगर्मित और सामयिक लेख भी लिखे हैं।
आपको धर्मपत्नी सुश्री प्रभावी गुप्ता, धार्मिक विचार युक्त आदर्श गृहणी है । आप भी अपने पतिदेव की भांति शान्त और गम्भीर तथा कष्ट सहिष्णु साहसी महिला है। आपके दो सुपुत्र चिरंजीवी जगदीशचन्द्र गुप्ता तथा चिरंजीवी शरतचन्द्र गुप्ता क्रमशः इन्टर और मैट्रिक तक शिक्षिव हैं तथा "गुप्तास्टोर" और "गुप्ता ब्रदर्स" फर्मों का संचालन कर रहे है।