Book Title: Padmavati Purval Jain Directory
Author(s): Jugmandirdas Jain
Publisher: Ashokkumar Jain

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Page 290
________________ ६३२ श्री पद्मावती पुरवाल जन डायरेक्टरी श्री जिनेन्द्रप्रकाशजी जैन, एटा आप स्वर्गीय श्री दयाशंकर जी जैन एटा निवासी के सुपुत्र है। आप समाज के मेधावी पुरुषों में से एक हैं । शिक्षा के प्रति आप सदैव अनुरागी रहे हैं । अतः अल्प समय में हो आपने बी० ए०, एल० एल० वी० तक शिक्षा प्राप्त कर ली। आप उच्च शिक्षा से विभूषित अत्यन्त नम्र युवक है । समाज की प्रगति एवं संगठन के लिए आप सदैव प्रयलशील रहते है । स्थानीय सामाजिक कार्यों में आपका वरावर योग रहता है। स्व० श्री मुरारीलालजी जैन, शिकोहाबाद स्व० श्री ला० मुरारीलाल जी जैन शिकोहाबाद समाज के मान्य पुरुषों में से थे । आपका जीवन जहाँ व्यापारिक क्षेत्र में सफल रहा, वहाँ आप समाज-सेवा में भी पीछे नहीं थे। आप निभिमानी मृदुभापी तथा प्रसन्न प्रकृति के पुरुप थे। आप "सादा जीवन और उच्च विचार" के दर्शनीय उदाहरण थे। आप सम्पन्न उद्योगपति तथा पूर्ण सम्मान युक्त होने पर भी अभिमान से कोसों दूर थे। आप स्वधर्म के प्रति पूर्ण आस्थावान और धर्म प्रसारक माने जाते थे । आपके स्वास्थ्य ने जव तक साथ दिया तब तक आप देव पूजन तथा स्वाध्याय आदि नित्यकर्म वराबर करते रहे। ____आपका निधन गत ३० दिसम्बर १९६५ को हो गया। आपका वियोग सारे ही समाज के लिए कष्ट प्रद एवं दुःख पूर्ण है। श्री डा० त्रिलोकचन्दजी जैन, लखनऊ आपके पिता श्री का नाम श्री सुनहरीलाल जी जैन है। आप लखनऊ के निवासी हैं । डा० त्रिलोकचन्द्र जी साहित्य शास्त्री (वाराणसी) तथा सिद्धान्तशास्त्री (वम्बई) से है। आप ए० एम० एम० एस० (वी० एच० यू०) प्रधान चिकित्सक तथा आप शरीर आयुर्वेदान्वेषण एवं प्रशिक्षण केन्द्र जामनगर के प्रोफेसर तथा विभागीय प्रधान हैं। आपकी आयु वर्तमान में ४१वें वर्ष में चल रही है। आपके २ बालिका तथा ४ वालक है । आपमें धार्मिक और सामाजिक भावनाएँ है। शिक्षा क्षेत्र में आपने सराहनीय प्रगति की है। तथा सार्वजनिक सेवा क्षेत्र मे भो आप पूर्ण मनोयोग से भाग लेते है । आपका मूल निवास स्थान एटा है।

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