Book Title: Operation In Search of Sanskrit Manuscripts in Mumbai Circle 1
Author(s): P Piterson
Publisher: Royal Asiatic Society

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Page 207
________________ No. - नवपदप्रकरणम् -पच्चख्खाणणिज्जुती Begins- पञ्चख्खाणं पञ्चख्खार्ड पञ्चख्खेयं च आणुपुब्बीए || परिसा कहणवि हीया फलं च आईय छम्भेया ॥ १ ॥ Ends सव्वेसिपि नयाणं बहुविहवत्तत्र्वयं निसामित्ता || तं सव्वनयविसुद्धं जं चरणगुणठिउँ साहू || ९४ ॥ इति पच्चख्खाणणिज्जुत्ती ॥ - काउसगनिज्जुत्ती Begins Name of Work. आलोयणपडिकमणे मीसविवेगे तहावि उस ग्गे || तवछेयमूलअणवठयाय पारं चिए चेव || १ | Ends- तम्हार्ड निम्ममेण मुणिणा उवलद्धसुत्तसारेणम् || काउसग्गो उग्गो कम्मखयठाय कायव्व ॥ ७२ ॥ काउसगनिज्जुत्ती सम्मत्ता || - जीवविचारः खेत्तसमासः Begins नमिऊण सजलजलहर - कर्मविपाक : Author's name. कक्कसूरिः No. of leaves. No. of No. of lines on letters each in each page. line. A Age. : Remarks. (62)

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