Book Title: Operation In Search of Sanskrit Manuscripts in Mumbai Circle 1
Author(s): P Piterson
Publisher: Royal Asiatic Society
________________
No.
१७५
१७६ १७७
Ends
सुणंतु गुणंतु जाणेतु ८६ इत्यागमिकवस्तुविचारसारप्रकरणं कृतिरियं
जिनवल्लभगणेः ||
कर्मादिविचारसारः
|Begins
सयलंतरायवी रं
परेविवोहिंतु सोहिंतु १५२ दशवैकालिकसूत्रम्
Ends
पाक्षिकसूत्रम् Begins
अण्णाण मोहदलणी जणणी सयनाण भवियलोगस्स || सिरसा सहरिसभावो पणमामि सुयाय सुयदेवि ॥ १ ॥ तित्थंकरेइतित्थे अतित्यसिद्धे
|Begins
Name of Work.
Ends
सामत्थए वंदामि || क्षामणकसूत्रं समातमिति ॥
- पवज्जाविहाणसूत्तम्
संसार विसमसायर
Ends
कम्माइविचारसार लवम् || १ ||
- थिरावलि |Begins
जिधम्मे आय कुणह || २४ ||
पव्वज्जाविहाणं सम्मत्तं ॥
जयइ जगजीव ॥
Author's name.
जिनवल्लभः
No. of No. of lines on each leaves. page.
१५०१८८
७२
१५३
S
No. of letters
in each
line.
Age.
५० १२९०
::
: :
::
Remarks.
685242
( 100 )
Accom. Sy
Page Navigation
1 ... 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275