Book Title: Operation In Search of Sanskrit Manuscripts in Mumbai Circle 1
Author(s): P Piterson
Publisher: Royal Asiatic Society
________________
...
... | ... | ... | संपूर्णम
३४
... | ... | ... | संपूर्णम्
Endsगच्छन्ति परमां गतिम् ॥ धर्मलक्षणं समाप्तम् ॥ -उपदेशमाला ......
..धर्मदासगणिः | Beginsनमिउण जिणवरिदे इंदनारदच्चिए तिलोयगुरु ॥
उवएसमालमिणमो बुछामि गुरूवण [ए] सेणम् ||१|| Ends
गाहाणं सब्वग्गं पंचसया चेव बायाला || ५४२ ।। १७९ प्रशमरतिः
उमास्वाति- | Begins
वाचकः नाभेयाद्याः Endsजिनशासनाण्णवादाकृष्टा धर्मकथिकामिमाम् ||
श्रुत्वा रत्नाकरादिव जरत्कपर्दिकामद्धता भन्या ३१०----महत्सासनं जयाति ३१३ ॥ -अर्हत्प्रवचनव्याख्या.... Begins
अथातोर्हत्प्रवचनं व्याख्यास्यामः तद्यथा तोमे षद्जीवनिकायाः १८० | गौडवधकाव्यम्-मागधी .....
वाक्पतिः |Begins
॥ नमो जिनराजाय ॥ पढम चिय धवलकर्डववीअमबरुहगोअरं नमह || हरिजढरानि - मुखितनालसुत्नं पिवसर्यभुम् ||१॥ Endsकरायलंछणस्स ववप्पइरायस्स गउडवह ॥ नामेण कहावीढं रइयं चिय तह समत्नं च ॥
( 103 )
Page Navigation
1 ... 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275