Book Title: Operation In Search of Sanskrit Manuscripts in Mumbai Circle 1
Author(s): P Piterson
Publisher: Royal Asiatic Society
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Age.
Remarks.
| ... | ... | संपूर्णम्
( 102 )
-आउरपच्चाख्खाण |Begins। देसेक्वदेसविरर्ड Ends
खयं सव्वदुख्खाणम् ॥ ६॥ अउरपञ्चख्खाणं सम्मत्तम् ।। -अजितशांतिस्तवः.....
जिनवल्लभः Begins
उल्लासिक्वमनख्वनिग्गयपहादंडछलेणांगणं वंदारूण दिसंत इब्व पयर्ड निब्वाणमग्गावलिम् ।। कुंदिटुज्जलदंतकतिमिसउ नीतनाणं कुरुक्वेरे दोवि दाहिज्ज सोलसजिणे थोसामि खेमंकरे ॥१॥ Ends
इय विजयाजियसत्तपुत्त सिरिअजियजिणेसर तह अइराविससेणतणइ पंचमचक्कीसर तित्थंकर सोलसमसंतिजिण वल्लह संतह कुरु मंगलमवहर सदरियमखिलंपि थुर्ण तह ।। १७॥ -प्रभोत्तररत्नमालिका ........
विमलचंद्रसूरिः Begins
कः खलु नालंक्रियते दृष्टादृष्टार्थसाधनपटीयान् ॥ कंठस्थितया विमलप्रक्रांतरत्नमालिकया ॥१॥ Ends
कंठगता के न भूषयति ।। २८॥ -धर्मलक्षणम् Begins| धर्मार्थ क्लिश्यते लोको न च धर्म परीक्ष्यते ।।
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संपूर्णम
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