Book Title: Operation In Search of Sanskrit Manuscripts in Mumbai Circle 1
Author(s): P Piterson
Publisher: Royal Asiatic Society

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Page 216
________________ १०३ १०४ Ends अभ्युदयश्चेति । इत्याचार्य श्री हेमचंद्रविरचिते शब्दानुशासनवृत्तौ अष्टमाध्याय चतुर्थपादप्रकाशिकाना || संवत् १२२४ वर्षे भाद्रपद शुदि ३ बुधे उपदेशरत्नकोशटीका |Begins - - - - त्वाश्रीवर्द्धमानाय निःसीमज्ञान चक्षुषे जितांतरारि वेगाय Ends सर्वानुष्ठानानामिति गाथार्थः || ६२ ॥ इति श्रीदेवभद्रा उपदेशमाला पत्रयणसंदोह Begins नमिण वद्धमाणं ववगयमाणं सुरेहिं कयमाणम् || चडगइनिवाणं ताणं सत्ताण भवियाणम् || १ || पवयणलवाड केई उवलहिणं गुरू सगासार्द्धं ॥ कहियामि संगहेडं भवियाणमनुग्गहठाई || २ | Ends आग्गिच्चावेवरिठाय । पवयणसंदोहस्स छठे पयं सम्मत्तम् २५० पिंडविशोधिप्रकरणम् — मागधी *******. Begins देविंदवदवंदि यपयारविंदो भवंदिय जिनदेवे || छामि सुविहियं पिंडविसोहिं समासेणम् || १ | जीवविचारप्रकरणम् आउरपच्चख्खाणम् देवभद्राचार्यः धर्मदासः जिनवल्लभः २५० २२९ : : : 2 ४४ : : ... : संपूर्णम् ( 71 )

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