Book Title: Operation In Search of Sanskrit Manuscripts in Mumbai Circle 1
Author(s): P Piterson
Publisher: Royal Asiatic Society
________________
No.
१४८
Ends
चत्वार्यस्मिन् वृत्तसंख्याशतानि ४ इति बृहज्जातकं समाप्तम् || १४७ निसीहसूत्तम् ......
१४९
Name of Work.
Begins
|| नमः सर्वज्ञाय | जे भिख्खु हत्थकम्मं करइ करेंतं वा सादिज्जइ
Ends
अहीएमतिरित्तं तेण परं छम्मासा || ४ || णिसीहे वीसइमो संवत् १२१७ लग्गकुंडलिका
|Begins
|| अवितहसव्वाएसं नमिडं च [3] वीसंमं जिणवरेसुम् । बुछामि समासेणं लग्गंगरूव एसेणम् || १ ||
Ends
२८ इयतिविहसुद्धिजुत्तं ती एविउत्तं च वत्तियं लग्गम् ॥ जं किंचि इह अजुत्तं सोर्हिति तं विउता ॥ १२८ ॥ लग्गकुंडलिका समाप्ता ॥
प्रवचनसारोद्धारः - सटीक मू० मा० टी० सं०
Begins
मू० नामऊण जगादिजिणं वोछं भव्वाण जाणणानिमित्तम् ॥ पवयणसारुद्धारं गुरूवएसा समासेणम् || १ || टी० ॐ नमः ||
सन्नद्धैरपि यत्तमोभिरखिलैर्न दृश्यते कुत्रचिचंचरकालकलाभिरप्पनुकुलं यन्नीयते न क्षयम् ॥
Author's name.
हरिभद्रसूरिः
No. of No. of lines on leaves. each page.
७६
१७
• मू०नेमिचन्द्रसूरि : २४९ डी० सिद्धसेनसूरिः
:
No. of letters
in each line.
:
:
६४
Age.
Remarks.
१२१७ संपूर्णम्
:
संपूर्णम्
संपूर्णम्
( 88 )
Page Navigation
1 ... 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275