Book Title: Nandi Sutra
Author(s): Devvachak, Hansraj
Publisher: Nagor

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Page 21
________________ > ११ ey जिनको क [ अलकापातनी | काग्नितोका कमी | जqnilजा リ पुरुष ज्ञानी जापान कमोलतो / मगान / प्रदीपमोटो | सूर्यकाता | तेजः सरावामध्ये तिनो दिमानो लोकरा लायेवा | वऽवेवा | मलिना । यथा दृष्टशतइते जिम कोइक का कोक शुरु99 ज्कापातकिमग्नीना राजाइ गया जहा नाम ए के ईड रिमेन के वा । चुमलियं वाञ तेलूरचाच्या जामगावच्यति । ते स्वामी कोल कहिइपाम वाटाडू प्रवृति भान । पाम ॥ परिकोटे कार्क मोजाको बल तेजमली तोथ को दीपान काता दिनोतेज मनमयम्पा सेज हा नाम ए के इस रिसोन कुबा बु5 लिया / आलाय वा । विना मला वा । जोईना । मूलय काल समुच्च्हमाले बे नमध्ये अंतग यम्पानमा अपानमध्ये कौल प्रगत धिग्पानलेवर ले संष्माता जो जन लगाइदेबइ हिमनई विशेषक 48315 राजासितं पाम गयोश से आनी माथापरमे हलानै पर्ने सम्पककारैचालतेोनाम नोतेज तोमार्या बिऊपास सर्व दास '' м а я जामेतमभगमरा अंतराय समय त के विमेोगममा जय नावधिनित्र | मायका गोवा) अमखे जाणिवा जोयला / जालई) पास जनलगइन धिग्पा ล । देष) । देवइ । वासय । वा जोयालाई पास पास संपाता जो जान 1। देव | जननगर गते गतेको कहियेयवधि | तेस्वान कते " | वधिग्पानदेव पानमागमपा बहुतगत नंदी सूत्र कटेमाराम जातिय मेकिंत पास फस एहिनाले वेवासरखे वा | धिमान | माईबल / संपाला / समाता जो | वृधिपानले जा माता या हिनालीला मग जेचेवास से जाना संख जाणि इकरा इ जोजन जनलगे: गताव धिग्पानकर । सगली दिसे सारियो । सभ्याता जोजन लगई पास गईल मग एलजे हिनाली जे ममता सखिजा लिया।।। विधिमान कहाई । अनुगामिएतले स्च्छाल गामिवधि मानते किम । ते यार होने नाम कोमलवाणी मंखिजाणिवा जोयला जाणापासमेत पुगामा हिना ली। श से कितना गालगा नियंत्र हिनाला सेज ते पाग्निना वा मनवा से अग्नितेदेन पिल । प्रथम नाल साथ इनाम युगामि जिमको / फिरतार J करुब गमभिपाईकरी रासेपासेबोगर J हा के इरिमे एगंमह जोतिद्वाणं काना तमेव जोइ हाल स्म परिपेते हि परिघोले माटो तसो व जो ईझालरस जाई ११

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