Book Title: Nandi Sutra
Author(s): Devvachak, Hansraj
Publisher: Nagor

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Page 20
________________ नजनशतमकका नाक्रमपश/ककैननषसमम्मान/ यत्रत्ममनाने |जिम देवायजा /नारकीनश्यामलीकणकमोवा नारकाता करकामीविवारगुरुबीला शिम्य / प्रकारकता लिनकह नाना बासीना. कपा जवषवश्यहारधवममेयंचा२णमेकितानवपश्यामितातादेवाइकारानेरायाला सेतनववचन गुरुक हैपयोपशमका कह न को वीजातिविवेवसापायानरहोमानेर तेलहउदृष्टातकयोपशमिकर नमाविषकारपरुपाकमा नाही योपशमकनवर कामेकिंतवस्वसमिया विपन्नताजहरामपुस्साहरादियातिरिकनोजियाणचाराकोदेखश्वसमि अविवानपजमानबारहवामायणकनिात्रा। नागयजामामालकिनानासन विज्ञानयजाव। वकिनिदयानातकमनिशुतलाठयकरः। हनेवशमावर. यासतयाशिलकमालादिणाणकयनामदिणालाखयापदिसणनाणीसप्प अथवायुलपतिपतषमादागारमा अवधिमानवपत बजारकपणानधकाराप्माकत्ता तक बदनिहाजाविसापा इमाबागुणवमिङस्मायलगारस्सनहिनासपातसमासबवावन्नतातजाअिणुगानि त्रावविहादेवरसम्वान दिनरखतैजान हामपामेदिनरसते तान मानावाजेश्वषपानाचौ तेकोणकहिअनुमानिका जेणेवामेत्रवधिमा कनदेष धपाश्रमवा असामहिलकेतलीकालरहेकौ केवलप्पानवितानरबोल्पाहश Raनुविहादेवना२ यरुकैकश करच पनिजाइ५विजामनहा। यामागामियानावटमालया३यमालयावादावाश्यापारिवाइयासकिनेमणुगामियब अामिन जिमशेतगतप्रभा जाणे ममगताव चिपा तेस्वामिको | तम्मानना आगलाजेषधानजोल विधापानमालेत तिन पान रमता देवे नमजीवनाम कानगाजीगने कER११ माकुसाबै । कहा जातात. देवानाणेषतग्मान३ रुपा नाणाराविहानताततगछातगयारामनगवा/सेकिंतशतगयातिविपन्नतातनबारीशतगया मेगाधिपान नेदकोणकहिआगलानावजा 134मित्रनिमोथै निनासरावलाम दोबागलक जागा || जावदेवपावन देवतिवारेश्रीगुरुवोल्पा रेशिमग्न यहाकाकाअग्निशालाअग्निनोनमकिनेतेलतोरथ गलदेवालय पदेशनावजलेवर सगतयथारशतेयथानाकरक ) चश्मातालमा तालिमलिनो तेजमोटी कौजा J ३२ ममतगयारासेनहाणामकिशरिसेवकवालियवाात्रालायंबा पवारामलिंबाजीयामकाजागा

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