Book Title: Nandi Sutra
Author(s): Devvachak, Hansraj
Publisher: Nagor

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Page 31
________________ नदीस्वा निबजीवितमतिमा स दादा3१२99वामुगलायानाभवन/वलीपयनिहपूरहनामनोगतनाबोधयनामदेव नुमतिहज़म अटीमोगुन aoसन्नीपबाजाangपतिविना कामाले वना विलमति नुमतिना लाएगोतरदीवगेकसन्नीलामचेदियागापागाणोगमनावजालासशितंचेविलमदा अधिकतर निति विशेमधीतिमररहितमेवजालपादेव५२ । कालय खमती जयन्तीवत्सोवमानो नै लै लाममनुमको जहिंसात्यविधतावितलतरागविरंजाशपासी।कालउद्यमशजहणेलपलिवन शम्पातमोजागने भनेपलवलोमपातमोजागजागयोमलितकालमनागतेप्रागनमानसे। ३ मनो कालनैजागेवेकर. ससामसंखिजीनाचेकोसेविपलिवमस्साशसंखिइनागांतीयमयंवाकालंजालपास तिबजाविश्लप्रतिसाधुमाक्षमितिसरदेषमस्वकाररहितदेखा विषजतिसाकमाणेदेखइजामानाविचार टीका तोकज़शनिमाना ! तवेवविलाहियतरागविरुषतरागीविवलत रागवितिमरजालपासघालाAajTA अनितालावन | सनाजावामनेत |जालख/4/भएतलोविशेषामधिकतररागाविसातिररागदेबर जाक्षर तिनावेजावपासासवतावालामततागजालपासइयातवेदविचलनशमनिहियतरागविलतरागं मिलतरमिरवणरहितजागि। देष/aलका/हसनपविग्पान हाशम्पमनावितववि। अर्थाटस्वरुक्षामनुपविएतलाज राजश्व विग्पानवलाओनलीमनिविष जगरामान वितरागविमरतरालजालपाASIAqअचनालगनलालरिचितयामपागडणमाएसंक्ति +सेकिंत केवल गुलतेशचनअप साधुनेमनवम्पानउपजै हनी कहशिप केवलम्पाननावेधतेकरे। एकनवस्वितिमानवनाण केवलनाला | माश्याचा श्वित नाममनपर्यवपातकाल केवलरमांना कारवालावा .आयुकर्ममस्तिने केवल विeqaनवयुणवऽयंचरित्तेपायासेमणधवनाल किततक्केवलनाणाविहापणता/संजोगन केवुलना | कवना सिम्पानजोमिनगवतपणोपाम्पायुणनिराजेते स्नैकेवलम्पान तक कायदखामानवखित केवलम्पाननव केवलम्पाननाबेपकारेषा केनना लिचाण्अयोगीनक्केवलनाचनासक्तिसंयोगीजवळ केवलनाचारमावश्कबर चिवलेत रागवितिमरज

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