Book Title: Nandi Sutra
Author(s): Devvachak, Hansraj
Publisher: Nagor

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Page 67
________________ ३४ टाको जिलई तिहपाली जालज्यो तिजको काली लावलस्तु पांलीनीकल्प सर्वलोकषीयया पतीवी ॥नंदि सून पोइलादिकन विनय करतोजाधी विनय से सारनो कारखाने एमएमी कथा लवण को स्वामी को कामवनैः यो पालामा तेकेतला एक कालनी अवधकीभीजे एतजोकालो पाल्पा बैकलू तारानमानैतेयाजातेांव तेहन २ बेटा यतो ते एसीमध्ये तेजल घोकेवाजेघो माघोनांची मारहैतेथा नै लैकरा पर्वतांची नाम करता घोकैन होते जाणिज्य आत्मघातिवार करा जे तमघोजागील बाराव्या काल मतदाते १६ वा मानो पोदीय घोमाले ईजालाई तिलवंत वेल घोगामा पातली बोल्पोनेमू का अनैराघवै तेमध्येदोय घोलेर जातेमा नै नहतेषी स्त्रीने पासे या कल आपणास ते आपली बेटी दाजै तेस्त्रीनमानै जदी घोमा जाता कसा तदा स्त्रीमा लौते बेटी दीघी घोमा राष्या इमविनीतघोगासमान जालना ९६० मी कथा गं० पामली 92 नगरे रमरा जाते नै प्रदेश राजा किन्नू ल निक्तै एक नाबे हाईक रागोय विनेमो कल्पा १ एकलाही माहिनंजर घालीनै लाषा गुप्तकरी मोकल्पा २३तिले राजा आपण पुरुषनैदेषा पिलावर को इन जाणे तदा राजाई पोली पर तो अवातिघोतिनै यो नगनन् एवात म्है जो लोबो तिलक ल जाबुं तदातिल तो उन्हापालीमादि घासौतिवारे लगा तो तेजी नोति वारै बेरुनी कल्प तिमलाही विकापोलीमा हिद्याला ते संघ जाता तिवारेन चेमानेवर काप २ इचो विल के नापोलीमा हिघालो तेलानगली तिवारै टोक लोघा पराज घणो तथको आचार्यका दिल को इकोला ते राजाने आपलपलमो कल्पा जिवारे चार्य बोल्लो होजाएंळु तिांतेराजासमी एका चावियो वै रतन प्रावैतिस कोटी यो माहिरातन घालीयारसोमो ऊपरिरं गाम पबैतेनाजपुरुष माता तेनें जलथे मोकल्पौ तिलेर जानें दा तिरा जाउपाया की भाघिमै नही ते राजा हा यो मानर लियो ते जे मरा जाने आचार्यने विनय फलदाईथयो तिमनिनीतने सजिलादियानो जनाबत त्काल फलदाईथयो ६२मीकथा अगल० जिमएकरा जाते ना जेनगरदेश बैते की राजावै ते सदिशनगर मारतो वै तदाच्यावृतो जाली नेशन राजा ये चिंतमौजे पाली रुवातला वा दिकनी ते सबमध्ये वि१६ ला वोजे आहार पालीपास्तेरमै मचितवाने याम रथी अनै प्रदेश २ नोविषातिहा को एक मेर र बेत्रि मेरजे हने जे तलोजतो तिलैतेतलो आलीने आणी एकल बैद्य विन एक जब जेत लो राजानैत्रा नैयाको स्वामी बाबले वो तिनारैराजा इ१ गौ तदा वेद्ये कलौ लामीसह विध्वसनामाविषबै तेरा जाये कृ सौते किम जाली यै स्वामी जी हत्तीला येते राजा हस्ती अमोनोत्रीने तिलंबे विष सच लौते जिम २गिनैतिम २ किलामनाथा ३ध

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