Book Title: Nandi Sutra
Author(s): Devvachak, Hansraj
Publisher: Nagor

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Page 80
________________ / जाणे गंधारे ई ग्रहश्तेय प्रथम व्यक्त गहनराजेशट्रकसान लेते तेली नो० पिजा । केवेस० केष्टतमतिवारे पबैते हने विचारणा मै ततवारैवबैजा दिया / नोबै मन्त्रान• व्यहेते राक्ष्यस नही रायो करीनामन्यैसैते विचारणा कर केई रिक्स लिया । ते सदति गहिए। नो चेनल जाली के वे सात विस जाने १०० अमुका तिवारैपबै: अनिश्रेयकर मेरा तिनली सरमाता त०] मिनारे बैंसे तेज● नियततिनारैपबैते हुने राब तिवारैपद्याधरारा नोए की होय वानवतकरनेः घाघारीनुग्रहाने जाली अनुगे संसदेत मा बाविस ततो मे त तो उद्गाहवंति। उधर कोललगे | माता काल | जे० यथादृशतेनान्नाम के कोई एक रूप तेलापन | नोषविण बोनजाइदेस घानागैधानैरावर से० ते . इतिखनावनाकरान पाण्देषानैयहनैः, G संखेवाकाल संखे काल सेजहाना मए के ईपुरसत रुवा पासेजा/तेले तिन गाहिए/ नो चेवल जालई के हो त०] तिवारे बैल- विचारणा करेतन-तिवार मनुष्य व तिवारै वैदेषवानेक रेतन तिवार पबैते रूपनो अवा-निश्र मनजालै बैउपयोग नववार कराने जाणे जाणी ६ पकाएरुपयकराने निश्रम की भी ऊई नही नही: तुतवारे केवेस वे तितो इहविसंति/ताल मुगे एस बेति तताई। उसे यंहवई त धा० धारणा तिवारी संध्याता काललगेधा असण्याला काला सेन्तेजेण् यथाह शते नामनामतित्व समक्क्रय है- गंधने धारणा | तिवारी | राम रारादेवतादिनापरे नाव नाइ कोइ एकरुपम यदैकरसैः संखे वा काल से ही नाम के रिसे गंध घो कराने जाणे : मूक एगंधबर: ततिवा रेखबे: अनिश्चय कर धार विस्ततधारे। सरखे ना काल ते तेहने इम जागं रोधनीना नो० विलए नोनजा लेजे के एके हनोगत तिवारै १ इ-ईमना विचारण करे तनुं ति बारे 9 बैउपयोगी विचारणी सनात्रा बैलाबै जानुगेएस गंधवा तेल गाहि नो वेव पंजा लई । केसगंधेति ६१ विस -तिवारेप जैसे- तेग तन तिवारे त तिवारवधारायारा उपताका जलधारा बनोग निश्चयका/ वैधा धा वैसंध्याता कोलगेका हिनेटांतर सनोक पोर तेहना: राणाकर 17 राबई 6 हेर रोतेज-यथाह शंतनामना के कोई मइतिखनावनाः एक पुरुष ईविस उसे गहन रसिकरसंखेच्या कालं संखिद्य वा कालो/सेज नाम ए के ई

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