Book Title: Nandi Sutra
Author(s): Devvachak, Hansraj
Publisher: Nagor

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Page 54
________________ तिराजानो एकम मौजाली कंवरबाने की धी मारगरहितचाप १६१मनाचालीने चोकमा ऊपर बैठी माथे चालली घरी सो मासमै चालला अमावस दिवानांत राजैचाल्यो राजा तिरै आयो तथादिवैरा जागेवाली हाथे किम ने तेनामृती राजा नै वचनमालको बलीलामकरी आगलमाटानोविच तेराजा बोल्यो हेरो हा एस्प्रेतिवारे तेरो हो बोल्यो हेदेव गेथाम् का बैलेस बने रतननै थाली कबै पक्ष्मीरूपबैतेनला मृत्यपि ते वातसानला नै लोक संतोष्पो पाबावाल्पा इग्पारमीकथाकथा हि १२ मा कथा कहे जा जाते वाली नी कथा मी गलीनाते इमजेएकदा राजा आपण पा रोहानैव तेऽथमनोहर गयो तिवारै राजा बोलोरो जागे किंवा तो स्वामीजा अरे रोहा रचितवे वै देवामा छ जानापेटमध्ये मागणी कुलबांधे इमचिंतनु रोहा कुणबोधनात नो निरलोक हो हस्वामी मंगलीक नामैवाय रोबै तेहन पभोगला बंधाय १२ एबारमा कथा कहा पापान्ना कथा जेइम से बीजैहरै बली राजा बोल्या रोहा जा बेरुतामा जानु अचिंत स्वामी स्वान के पालनापान नो शिषरला बोबे किंवा पातलो बै इमचिता वतौ तो रोहाते निलयका के स्वामी जिवारै व्यजुदो वै तिवारै अबेल्पपासाऊजर तेबुलालो कऊ तिला नेग्रो तेलो के कल हो स्वामी महाजबै बलारी हो करतो १३ एका १४ कथा खाहि० टीटोमीनी का तेमजेत्रा जैपी हरे लोबोबै ते विचारुबुते राजा निकिरी नसकै बलीराजा रोहानै यो अरे हा विचार हेदेवारी अब समय एमी कथाका पपियरो हे राजा ने पांच पिता तेनाकथाकले तेमजे चौथे १६रै बलीराजाको अरे तो बैकिंवा जागे मंगल पडोवागो राजा दान देनागयु रोहोनिदानरतो तिवारे बलीराजाच रम नीलगाही बोलु रे जागे नहीं ते। बोल्न बलीराजाकानी दे इजगाय ते वयुनही बजीरा जातो ना नी नीली का ब्नु गे सोदेइज गायो कोई रेतो बैतिवारेतेरो हो बोल्यु स्वामी जागुबु सुरेघोर नाकरी तो बै नास्वामी चिंतन तो तो स्पुंचितवतो तो हे स्वामी चिंततो इमर्जेच म्हकेतला नमकल तिवारे राजाला ज्यौ बोपोरल मारहाने बनायौ परे रोते मुकने के तलाउ जातिवा ऐहोक है देवपांच पिता थी कूपनाबा राजाबली रोहा नै हेरी पोचविताथा कपनीते के हो कूल र तेकहे स्वामा एक तो वे समएफ दानवत श्री बीजाचा माल नोतेरासेकरी चरमनीदेईजगाम् अनैवैया ऊपर को 9वृत्तथा वो बोतेनली २ बी जोर ज क ते घ बानो

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