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सचमुच जिस सहजता के साथ उद्योग एवं व्यवसाय के क्षेत्र में साहजी ने सफलता प्राप्त की, वह उनकी स्वभावगत प्रतिभा और सूझबूझ, संगठनक्षमता तथा अध्यबसाय और सहनशीलता की सम्मिलित देन है।
विगत वर्षों में देश की विभिन्न शीर्ष व्यवसाय-संस्थानों के पाप अध्यक्ष रहै हैं । इनमें प्रमुख हैं : फेडरेशन आफ इंडियन चेम्बर आफ कामर्स एण्ड इण्डस्ट्री, इंडियन चेम्बर आफ कामर्स, इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन, इण्डियन पेपर मिल्स एसोसिएशन, बिहार चेम्बर आफ कामर्स एण्ड इण्डस्ट्री, राजस्थान चेम्बर आफ कामर्स एण्ड इण्डस्ट्री, ईस्टर्न यू. पी. चेम्बर आफ कामर्स एण्ड इण्डस्ट्री, पाल आर्गनाईजेशन आफ इण्डस्ट्रियल एम्पलायर्स । इसी अवधि में भारतीय श्रम-व्यवस्था सम्बन्धी नियम बनते समय आपने उद्योग-धन्धों का व्यावहारिक दृष्टिकोण उपस्थित किया।
अपनी विशिष्ट प्रतिभा सम्पन्नता तथा व्यापक अनुभव के कारण स्वर्गीय पं. जवाहरलालजी ने देश की प्रौद्योगिक प्रगति की वैज्ञानिक परिकल्पना को कार्यान्वित करने के लिए जो प्रथम राष्ट्रीय समिति गठित की थी, उसमें देश के तरुण औद्योगिक वर्ग का प्रतिनिधित्व करने के लिए आपको इसका सदस्य बनाया गया।
साहू साहब की भारतीय धर्म-दर्शन और इतिहास तथा सांस्कृतिक विषयों के अध्ययन में भी प्रांतरिक रुचि थी। भारतीय कला एव पुरातत्व के क्षेत्र में भी वे साधिकार चर्चा किया करते थे । धार्मिक श्रद्धा में वह अडिग थे । भारतीय भाषाओं एवं साहित्य के विकास-उन्नयन की दशा में आपका अति विशिष्ट योगदान रहा । आपके द्वारा सन् 1944 में भारतीय ज्ञानपीठ की संस्थापना एवं स्वर्गीया श्रीमती रमा जैन के साथ उनकी कार्य-प्रवृत्तियां विशेषकर उसके द्वारा प्रवर्तित भारतीय भाषाओं की सर्वश्रेष्ठ सजनात्मक साहित्यिक कृति पर प्रतिवर्ष एक लाख रुपये की पुरस्कार योजना की परिकल्पना और अब तक 11 पुरस्कारों के निर्णयों की कार्यविधि में अनवरत रुचि एवं मार्ग दर्शन, उनकी दूरदर्शिता एवं क्षमता के बहुप्रशंसित अमर प्रतीक हैं । ज्ञानपीठ के अतिरिक्त प्रापने साहू जैन ट्रस्ट, साहू जैन चेरीटेबल सोसायटी तथा अनेक शिक्षण संस्थाओं की भी संस्थापना की। वैशाली, प्राकृत जैन धर्म एवं अहिंसा शोध-संस्थान की तथा प्राचीन तीर्थों एवं मन्दिरों आदि के जीर्णोद्धार में प्रचर अर्थदान दिया है। आप अखिल भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी, बम्बई तथा अहिंसा प्रचार समिति, कलकत्ता, अखिल भारतवर्षीय दिगंबर जैन परिषद् एवं मारवाडी रिलीफ सोसायटी के अध्यक्ष रह चुके थे।
भगवान महावीर के 2500 वें निर्वाण महोत्सव के कार्यक्रमों को सफल बनाने में आपका सर्वाधिक योगदान रहा है । जैन समाज के चारों संप्रदायों की ओर से गठित भगवान महावीर 2500 वां निर्वाण महोत्सव महासमिति के आप कार्याध्यक्ष थे भारत की संपूर्ण दिगंबर जैन समाज की ओर से गठित ऑल इंडिया दिगंबर भगवान महावीर 2500 वां निर्वाण महोत्सव सोसायटी एवं बंगालप्रदेश क्षेत्रीय समिति के अध्यक्ष के रूप में आपने देश-व्यापी सांस्कृतिक चेतना को जागृत किया । भारत सरकार द्वारा गठित राष्ट्रीय समिति और बिहार तथा बंगाल की समितियों में भी आपने महत्वपूर्ण पदों का दायित्व तन्मयता से संभाला ।
· महावीर जयन्ती स्मारिका 78
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