Book Title: Maharaj Vikram Author(s): Shubhshil Gani, Niranjanvijay Publisher: Nemi Amrut Khanti Niranjan Granthmala View full book textPage 5
________________ * श्रीनेमि-अमृत-वान्ति-निरंजन-ग्रंथमाला-ग्रंथांक 27* भीमनमोहनपार्श्वनाथाय नमो नमः शासनसम्राट पू. पाद आ. श्रीविजयनेमिसूरीश्वराय नमः सवत्प्रवर्तक-महाराजा विक्रम Q . 978 7 मूलकाः . - - . अध्यात्मकल्पद्रम, संतिकरं स्तोत्र आदि ग्रन्थ प्रणेता / / कृष्णसरस्वतीविरुदधारक परमपूज्य जैनाचार्य श्रीमुनिसुंदरमरीश्वरजी म. सा. के शिष्य पू. पन्यासजी श्रीशुभशीलगणि. -.). हिन्दीभाषा संयोजक:-शासनसम्राट् पूज्यपाद जैनाचार्य श्रीविजयनेमिसूरीश्वरजी म. सा. के शिष्य शास्त्रविशारद पू. आ. श्रीविजयामृतसूरीश्वरजी म. सा के शिष्य पू. मुनिराज श्री खान्तिविजयजी म. के शिष्य TH साहित्यप्रेमी पू. मुनिराजश्री निरंजनविजयजी महाराज || विक्रम संवत् 2008 मूल्य पांच रुपये[वीर संवत् 2478 - - - - - - Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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