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92.5.71
महाकइपुष्फयंतविरवर महापुराणु
1235 तं आवण्णिवि भाणुहि मार गय तहिं जहिं अत्थाणइ थिउ हरि। पत्थिउ पिययमु ताइ णवेप्पिणु अण्ण म सेवहि मई मेल्लेप्पिणु। 10 ताब जाव तणुरुहु उगाद परिगल कि एं" तिला तं णिसुणिवि रुप्पिणिइ सणंदणु भणिउ सयणमणणयणाणंदणु। पुत्त पुत्त पिसुणहि पाविट्ठहि मज्झु सवत्तिहि दुट्ठहि धिट्टहि ।
घत्ता-खयरिइ" महुसूयणवल्लहइ' जइ वि णाहु ओलग्गिउ । __ तो वि तिह करिण" होइ सुउ एत्तिउं तुहं मई मग्गिउं।।। ।। 15
ताहि म होउ होउ वर एयहि जंबावइहि पुण्णससितेयहि। वच्छल पियसहि गंदउ रिज्झउ इयर विसमसंता- इज्झउ। तं णिसुणिवि विहसिवि' कंदण्ये णिविज्ञासामत्थवियप्पें। पइरइकामहि घड्डियछायाह रयसलिदियहि चउत्थइ ण्हायहि । जंबावइहि रूउ' किट केहउँ सच्चहामदेविहि जं जेहउं। कामरूयमुद्दिय' 'पहिरेप्पिणु गय हरिणा वि पवर 'मण्णेप्पिणु।
रमिय गब्भु तक्खणि संजायउ कीडवसुरु सग्गग्गहु आयउ। वहाँ गयी जहाँ दरबार में श्रीकृष्ण बैठे हुए थे। उसने प्रणाम कर प्रियतम से प्रार्थना की कि आप मुझे छोड़कर किसी दूसरे के पास तब तक न जाएँ, जब तक पुत्र उत्पन्न न हो जाए। उसने जो माँगा प्रिय ने वह दे दिया। यह सुनकर रुक्मिणी ने स्वजनों के मन और नेत्रों को आनन्द देनेवाले अपने पुत्र से कहा-“हे देव ! हे पुत्र ! पिशुन-पापिष्ठ-दुष्ट-टीठ मेरी सौत सत्यभामा___ पत्ता-यद्यपि कृष्ण की उस प्रिया ने अपने स्वामी से बचन ले लिया है। पुत्र न हो, तुम ऐसा कुछ करो, मैं तुमसे इतना माँगती हूँ।
उसके न हो, अच्छा है कि पुण्यरूपी शशि से तेजवाली जाम्बवती के वह पुत्र हो। हे पुत्र ! प्रिय सखी आनन्दित हो और प्रसन्न हो। दूसरी विषग सन्ताप-ज्वाला में जले।" यह सुनकर कामदेव ने अपनी विद्या की समार्थ्य के विकल्प से, रजस्वला होने के दिन से चौथे दिन नहाई हुई, बढ़ रही है कान्ति जिसकी ऐसी तथा पति से रमण की इच्छा रखनेवाली जाम्बवती का रूप, ऐसा बना दिया जैसे वह सत्यभामा देवी का रूप हो। कामरूप मुद्रा पहिनकर वह गयी और कृष्ण ने भी उसे बड़ी रानी (सत्यभामा) मानकर उससे रमण किया। तत्क्षण उसके गर्भ रह गया। क्रीडवदेव स्वर्ग के अग्रभाग से तत्क्षण उसके गर्भ में आकर स्थित हो
II. 11 तगरुहु। 12. तहि दइयें तं दइएं। 13. सवित्तिहे। 14.39 खेपरिए। 15.P महसूपण। 16.5 करे। 17. RPS ,उ.होई।
(1.P सेचि । 2.8 "कामहो । 3. APS स्वसल।। रूजु । 5. APS सच्चमाम | 6. 5 "रूय17.5 परिहेप्पिणु । 8. BAL5. वियवर (वि अयर)। 9 पिणु। 10. AP कीडयसरु लो सागहो आइट।