Book Title: Mahabali Hanuman Author(s): Rekha Jain Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala View full book textPage 2
________________ सम्पादकीय जैन सुनो सुनायें कृति भारत देश महापुरुषों की जन्म भूमि रहा है। जैन पुराणों में 169 महापुरुषों का सच्चरित्र चित्रण रोचक एवं जीवन के उत्थान पतन का जीवन्त वर्णन वर्णित है। ये सभी चित्र महापुरुष तद्भव मोक्षगामी या निकट भभ्य होते हैं। पुण्यपाप का संयोग, उत्थान-पतन विभिन्न प्रकार के संकटो के बीच भी रक्षा, सहनशीलता आदि उत्तम गुणों को प्रकाशित करने का साहस धैर्य देने वाला महापुरुषों का सत्य जीवन माननीय अनुकरणीय एवं चिन्तनीय है। महाराजा प्रहलाद के कुल दीपक पुत्र राजकुमार पवनजय धर्म प्रिय महापुरुष थे। पवन कुमार का अंजना सत्य कथाएँ सुन्दरी से विधिवत विवाह संस्कार हुआ था, किन्तु पापोदय से 22 वर्ष तक मिलन नही हो पाया। पवन कुमार की कठोरता एवं अंजनादेवी की सहनशीलता को देखकर प्रकाशक __- आचार्य धर्मश्रुत ग्रन्थमाला एवं परिवार आश्चर्य में था। अचानक अंजना का भाग्य जगा। भा. अनेकान्त विद्वत परिषद समय पा कर अंजना के पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। बालक निर्देशक. -ब्र धर्मचंद शास्त्री हनुमान सूर्य के समान तेजस्वी था तथा जिस समय उसे - महाबली हनुमान मामा विमान में ले कर जा रहे थे उस समय वह बालक सम्पादक -ब्र रेखा जैन एम. ए. अष्टापद तीर्थ - 57 अचानक उछल कर विमान से नीचे एक विशाल शिला पर मूल्य - 25/- रुपये जा गिरा । वह शिला चूर-चूर हो गई तथा बालक एक शिला । चित्रकार - बने सिंह राठौड़ खण्ड पर सुख से अपना अंगूठा चूसता रहा। ऐसे महापुरुष प्राप्ति स्थान - 1. अष्टापद तीर्थ जैन मन्दिर कामदेव, चरम शरीरी, तद्भव मोक्षगामी, अंजनी पुत्र 2. जैन मन्दिर गुलाब वाटिका हनुमान की जीवन गाथा विचित्र घटनाओं से भरा हुआ है। इस चित्र कथा में उनके जीवन के कुछ अंशों को रेखांकित किया गया है। पाठक जन वास्तविक हनुमान को जाने तथा अपने को पहचाने। हनुमान जी अन्त समय में मुनि दीक्षा © सर्वाधिकार सुरक्षित धारण कर आठ कर्मों का नाश कर मांगीतुंगी से मोक्ष पधारे। अष्टापद तीर्थ जैन मन्दिर इनके चरणों में बार-बार वंदन। विलासपुर चौक, दिल्ली-जयपुर N.H. 8, गुड़गाँव, हरियाणा फोन : 09466776611 09312837240 ब्र डॉ. रेखा जैन अष्टापद तीर्थ जैन मंदिर पुष्प नं.Page Navigation
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