Book Title: Laghu Trishashti Shalaka Purush Charitam
Author(s): Pradyumnasuri
Publisher: Shrutgyan Prasarak Sabha

Previous | Next

Page 330
________________ 304 ] महोपाध्यायश्रीमन्मेघविजयविरचितम् [ श्रीवर्धमान कौशिकः पूर्वलक्षाशीत्यायुत्रिदण्डिशासनी / भूत्वा पापद्भवान् भ्रान्त्वा स्थूणायां पुष्पमित्रवाक् // 23 // द्वासप्ततिपूर्वलक्षी जीवित्वाऽद्य दिवं ययौ / मध्यस्थितिः सुरश्च्युत्वाऽग्न्युद्योतश्चैत्यभागभूत् // 24 // पूर्वलक्षचतुःषष्टिं स्वायुमरीचिरादधत् / त्रिदण्डयैशानमगमन् मध्यमायुः सुरः पुरः // 25 // च्युत्वा स मन्दिरे जज्ञेऽग्निभूतिः पूर्वलक्षकाः / चतुःषष्टिः प्रपूर्यायुस्तृतीयदिवि देवता // 26 // ततश्च्युतः स कौशाम्ब्यां भारद्वाजो द्विजोऽभवत् / पूर्वाणां स चतुश्चत्वारिंशल्लक्षेषु जीवितः // 27 // तुर्यस्वर्गे सुरो भूत्वा भवं भ्रान्त्वा द्विजोऽजनि / चतुस्त्रिंशत् पूर्वलक्षायुष्कः स्थावरसंज्ञया // 28 // ब्रह्मलोके मध्यमायुः सुरो भूत्वा बहून् भवान् / भ्रामं भ्रामं तिर्यगादौ सेहे दुःखानि भूरिशः // 29 // ततो राजगृहे जन्म जगृहे भूभुजोऽनुजात् / विशाखभूतेर्धारिण्यां विश्वभूतिः स पप्रथे / 30 / पुष्पवाटीरमणतो राज्ञश्छलविमर्शनात् / व्रतमादाय तपसो निदानमकरोदिति // 31 // प्रपूर्य कोटिवर्षायुरनालोच्य मृतस्ततः / विश्वभूतिर्महाशुक्रे देवो भूत्वाऽर्द्धचक्र्यभूत् // 32 // त्रिपृष्ठः संज्ञया तस्याऽग्रजो चलो बलोऽभवत् / नरकः सप्तमाऽवन्यां त्रिपृष्ठोऽभून् महांहसा // 33 // विष्णुजीवस्तदुवृत्तः केसरी सोऽप्यतो मृतः / तुर्यावन्यां च नरकस्ततो बहुभवभ्रमः // 34 // नरोद्भवे पुण्यकर्मानुगुण्याच्चक्रवर्त्यभूत् / राजधान्यां स मूकायां विदेहेष्वपरा दिशि // 35 // श्रीधनंजयधारिण्योस्तनयोऽस्तानयो जयी / प्रियमित्रस्त्वमित्रच्छित् चित्रकृत् त्रिदिवौकसाम् // 36 // पोट्टिलाचार्यमासाद्य सद्यस्तद्देशनारसात् / प्रव्रज्य तेपे सुतपो वर्षकोटि ततः परम् // 37 // पूर्वलक्षचतुरशीत्याऽऽयुषाऽनशनादगात् / शुक्रस्वर्गे स सर्वार्थविमाने त्रिदशोत्तमः // 38 // छत्राग्रपुर्या च्युत्वाऽतो भद्रायां जितशत्रुतः / उदभूनन्दनो नाम गुणग्रामविभूषितः // 39 //

Loading...

Page Navigation
1 ... 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376