Book Title: Laghu Pooja Sangraha
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek
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१३
लोय पहु दीठो उदार ॥ ४ ॥ रे रे निसुणो सुरलोय देव, विषयानल तापित तुम सवेव ॥ तसु शांति करण जलधर समान, मिथ्या विष चूरण गरुरुवान ॥ ५ ॥ ते देव सकल तारण सम, प्रगत्यो तस प्रणमी दुवो सनाथ ॥ एम जंपी शक्र स्तव करेवि, तव देव देवी दरखे सुवि ॥ ६ ॥ गावे तव रंजा गीत गान, सुरलोक हुवो मंगल निधान ॥ नरक्षेत्रे आरज वंश ठाम, जिनराज वधे सुर दर्ष धाम
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