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१० सन्नी(संज्ञी)द्वारमंजी किसको कहते हैं? जिसके मन हो उसे संज्ञी और जिसके मन न हो उसे असंज्ञी कहते हैं।
११ वेद द्वारवेद किसको कहते हैं-- जिस कर्म के उदय से जीवके शरीर का आकार स्त्री पुरुष नपुंसक रूप हो उसे द्रव्यवेद कहते हैं और जिस कर्म के उदयसे जीव के विषय भोगकी अभिलाषा हो उसे भाववेद कहते हैं। उस के तीन भेद हैं-१ स्त्रीवेद, २ पुरुषवेद, ३ नपुंसकवेद।
१२ पज्जत्ति(पर्याप्ति) द्वारपर्याप्ति किसको कहते हैं? आहार शरीर इन्द्रिय श्वासोच्छ्वास भाषा और मन,इन छह प्रकारके पुद्गलोंको यथायोग्य परिणमाने की शक्ति को पर्याप्ति कहते हैं। इस के छह भेद हैं-आहारपर्याप्ति,२ शरीरपर्याप्ति, ३ इन्द्रियपर्याप्ति, ४ श्वासोच्छ्वासपर्याप्ति ५ भाषापर्याप्ति, ६ मन:पर्यापि।
१३ दृष्टि द्वारदृष्टि किसको कहते हैं? तत्व विचारणा की चि को दृष्टि कहते हैं, इसके तीन भेद हैं