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पांचवें आरे लागते ज० अंतर्मुहूर्त की उत्कृष्ट १०० वर्ष जारी
पांचवें आरे उतरते ज० अंतर्मुहूर्त को उत्कृष्टी २० वर्ष की
छट्ठे आरे लागते ज० अंतर्मुहूर्त की उत्कृष्टी २० वर्ष की छट्टे आरे उतरते ज० तर्मुहूर्त की उत्कृष्टी १६ वर्ष की उत्सर्पिणी कालके छहों आरोंकी स्थिति यथायोग्य उलटी समझ लेना ।
२१ समोहया असमोहया मरण-सन्नी मनुष्य में दोनों प्रकार के मरण मरते हैं ।
२२ चवण - सन्नी मनुष्य एक समय में ज०१२- ३ उत्कृष्टा संख्याता च्यवे ।
२३ गइ – सन्नी मनुष्य चार गति से आवेनरक गति, तिथेच गति, मनुष्य गति और देव गति । और जावे पांच गति में- नरक गति, तिर्यच गति मनुष्यगति देवगति और मोक्षगति । दण्डक यसरी २४दण्डकसे वे और २४दण्डकमें तथा मोक्षमें जावे
२४ प्राण – सन्नी मनुष्य में प्राण पावे दसुं ही । २५ जोग- सन्नी मनुष्य में योग पावे तीनुं हो तथा अयोगी ।