Book Title: Laghu Dandak Ka Thokda
Author(s): Bherodan Jethmal Sethiya
Publisher: Bherodan Jethmal Sethiya

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Page 54
________________ [ ५९ ] की स्थिति ज० देसऊणा दो पल्योपम की उत्कृष्टी दो पल्योपम की। पांच देवकुरु और पांच उत्तरकुरु इन दसों क्षेत्रों के मनुष्यों की स्थिति ज० देसऊणा तीन पल्योपम की उत्कृष्टी तीन पल्योपम की । छप्पन द्वीपों के मनुष्यों की स्थिति ज०वल्योपमके असंख्यात में भाग जिस में पल्घोषम के असंख्यात में भाग कणी उत्कृष्टी पल्योपम के असंख्यात में भाग । २१ समोहयासमोहया मरण- छ्यांसी जुगलिया दोनों प्रकार के मरण मरते हैं। २२ चवण-यांसी जुगलिया एक समय में ज १-२.३ उत्कृष्ट संख्याता च्यवे । २३ गह - छ्यांसी जुगलिया दो गति से आवे तिर्यच गति से और मनुष्य गति से और जावे एक देवगति में । दण्डक आसरी तीस अकर्मभूमि में दो दण्डक का आये-तियेच पंचेंद्रिय का और मनुष्य का; और जावे तेरह दण्डक में - १० भुवनपति, १ वाणच्यन्तर १ ज्योतिषी और१वैमानिक । छप्पन अंतद्वयों · में दो दण्डक का आवे - तियेच पंचेंद्रियका औरमनुव्यका, और जावे इग्वाराह दण्डक में-- १० भुवनपति और १ वाणव्यन्तर ।

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