Book Title: Laghu Dandak Ka Thokda
Author(s): Bherodan Jethmal Sethiya
Publisher: Bherodan Jethmal Sethiya

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Page 49
________________ ज० १.२-३ उत्कृष्ट संख्याता उपजे। २० स्थिति- सन्नी मनुष्य की स्थिति जघन्य अंतर्मुहूर्त की उत्कृष्टी ३ पल्योपम की। छह पारों की अपेक्षासेसन्नी मनुष्यों की स्थिति को कहते हैं-अवसर्पिणी काल के पहिले आरे लागते ज० ३ पल्योपम देसऊगी उत्कृष्टी ३ पल्योपम पूरी । पहिले आरे उतरते ज०२ पल्पोपम देसऊगी उत्कृष्टी २ पल्योपम पूरी दजे आरे लागते ज० २ पल्यापम देसऊणी उत्कृष्टी २ फ्ल्योपम पूरी दूजे आरे उतरते ज० १ पल्यापम देसऊणी उत्कृष्टी १ पल्योपम पूरी तीजे आरेलागते ज०१ पल्योपम देसऊणी उत्कृष्टी १ पल्योपम पूरी तीजे मारे उतरते ज० कोड़ पूर्व देसऊगी उत्कृष्टी क्रोड पूर्व पूरी चौथे आरे लागते ज० अन्तर्मुहर्तकी उत्कृष्टी एक क्रोड पूर्व पूरी चौथे आरे उतरते ज० अंतर्मुहत की उत्कृष्टी १०० वर्ष जाझेरी

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