Book Title: Laghu Dandak Ka Thokda
Author(s): Bherodan Jethmal Sethiya
Publisher: Bherodan Jethmal Sethiya

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Page 33
________________ [३०] में योग पावे तीन तीन । औदारिक शरीर काय योग, औदारिक मिश्र शरीर काय योग और कार्मण शरीर काय योग । वायुकाय में योग पावे पांच, औदारिक शरीर काय योग, औदारिक मिश्र शरीर काय योग, वैक्रिय शरीर काय योग, वैक्रिय मिश्र शरीर काय योग और कार्मण शरीर काय योग। १७ उपयोग- पांच स्थावर में उपयोग पावे तीन तीन-मति अज्ञान, श्रुत अज्ञान और अचक्षु दर्शन। असन्नी मनुष्य में उपयोग पावे चार-- मति अज्ञान, श्रुत अज्ञान, चक्षु दर्शन और अचक्षु दर्शन। १८ आहार-- पांच स्थावर में आहार २८८ बोलों का लेते हैं, जिसमें व्याघात प्रासरी सिय तीन दिशि का, सिय चार दिशि का, सिय पांच दिशि का, और निर्व्याघात प्रासरी नियमा छह दिशि का । असन्नी मनुष्य में आहार लेवे २८८ बोल का, जिस में दिशि आसरी नियमा छह दिशि का । १६ उववाय-- चार स्थावर में स्वस्थान आसरी समय समय असंख्याता उपजे और परस्थान आसरी ज०१.२-३संख्याता, उत्कृष्ट असंख्याता उपजे, वनस्पति काय में स्वस्थान आसरी समय समय अनंता उपजे ।

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