Book Title: Laghu Dandak Ka Thokda
Author(s): Bherodan Jethmal Sethiya
Publisher: Bherodan Jethmal Sethiya

View full book text
Previous | Next

Page 46
________________ [४३ ] सन्नी मनुष्य का अधिकार को कहते हैं १ शरीर - सन्नी मनुष्य में शरीर पावे पांच ही । २ अवगाहना – सन्नी मनुष्य की अवगाहना ज० अंगुल के असंख्यात में भाग. उत्कृष्टी तीन गाउ की। छह आरों की अपेक्षा से मनुष्यों की अवगाहना को कहते हैं अवसर्पिणी काल में लागते पहिले आरे की अवगाहना जοतीन गाउ देसऊणी, उत्कृष्टी तीन गाउ पूरी । पहिले आरे उतरते ज० दो गाउ देसऊणी, उत्कृष्टी दो गाउ पूरी । दूजे आरे लागते ज० दो गाउ देसऊणी, उत्कृष्टी दो गाउ पूरी । दूजे आरे उतरते ज०एक गाउ देसऊगी, उत्कृष्टी एक गाउ पूरी । तीजे मारे लागते ज० एक गाउ देसऊणी, उत्कृष्टी एक गाउ पूरी । तोजे आरे उतरते ज० ५०० धनुष देसणी, उत्कृष्टी ५०० धनुष की पूरी । चौथे मारे लागते ज० अंगुल के असंख्यात में भाग उत्कृष्टी ५०० धनुष की पूरी ।

Loading...

Page Navigation
1 ... 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60