Book Title: Laghu Dandak Ka Thokda
Author(s): Bherodan Jethmal Sethiya
Publisher: Bherodan Jethmal Sethiya

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Page 40
________________ ५ [३७] २० स्थिति-बेइंद्रिय की स्थिति जघन्य अन्त - हूत की उत्कृष्टी १२ वर्ष की । तेइंद्रिय की स्थिति जघन्य अंतर्मुहूर्तकी उत्कृष्टी४६अहोरात्रीकी।चौरिंद्रियकी स्थिति जघन्य अन्तर्मुहर्तकी उत्कृष्टी छह महीना की। __असन्नी तिर्यंच पंचेंद्रिय का पांच भेदजलचर,स्थलचर,खेचर, उरपरिसर्प, और भुजपरिसर्प। जलचर की स्थिति जघन्य अंतर्मुहूर्त की उत्कृष्टी एक कोड पूरव की। स्थलचरकी स्थिति जघन्य अंतर्मुहर्तकी उत्कृष्टी ८४ हजार वर्ष की । खेचर की स्थिति जघन्य अन्तमुहर्तकी उत्कृष्टी ७२ हजार वर्ष की । उरपरिसर्प की स्थिति जघन्य अंतर्मुहत की उत्कृष्टी ५३ हजार वर्ष की । भुजपरिसप की स्थिति जघन्य अंतमुहर्त की उत्कृष्ठी ४२ हजार वर्ष की। ___ २१ समोहया असमोहया मरण-तीन विकलेन्द्रिय और प्रसन्नी तियच पंचेन्द्रिय दोनों प्रकार के मरण मरते हैं। २२ चरण-- तीन विकलेन्द्रिय और असन्त्री तिर्यच पंचेंद्रिय में एक समय में जघन्य १.२.३यावत् संख्याता उत्कृष्ट असंख्याता च्यवे। २६ गइ-तीन विकलेंद्रिय में दो गति का प्राचे और दो गति में जावे-तिर्यंच गति और मनुष्यगलि।

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