Book Title: Khartar Gaccha Ka Itihas
Author(s): Gyansundar Maharaj
Publisher: Ratnaprabhakar Gyan Pushpmala

View full book text
Previous | Next

Page 235
________________ २३५ wwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwww १३८६ | उ. ज्ञा. फुलपगरगोत्रे | १६२१ | उपकेशज्ञातौ सोनीगोत्रे १३८९ | उपकेशज्ञाति बाफणागोत्रे इनके अलावा आचार्य बुद्धिसागरसूरि सम्पादित धातु प्रतिमा लेखसंग्रह में भी इस प्रकार सेंकडो शिलालेख है। इत्यादि सैकड़ों नहीं पर हजारों शिलालेख मिल सकते हैं, पर यहां पर तो यह नमूना मात्र दिया गया है। इन शिलालेखों से यह सिद्ध होता है कि जिस ज्ञाति को आज ओसवाल जाति के नाम से पुकारते हैं उसका मूल नाम ओसवाल नहीं पर उएश, उकेश और उपकेश वंश था। इसका कारण पूर्व में बता दिया है कि उएस-उकेश और उपकेशपुर में इस वंश की स्थापना हुइ । बाद देश-विदेश में जाकर रहने से नगर के नाम पर से जाति का नाम प्रसिद्धि में आया। जैसे अन्य जातियों के नाम भी नगर के नाम पर से पड़े, वे जातिएँ आज भी नगर के नाम से पहचानी जाती हैं। जैसे महेश्वर नगर से महेसरी, खंडवा से खंडेलवाल, मेड़ता से मेड़तवाल, मंडोर से मंडोवरा, कोरंट से कोरंटिया, पाली से पल्लिवाल, आगरा से अग्रवाल, जालोर से जालोरी, नागोर से नागोरी, साचोर से साचोरा, चित्तोड़ से चित्तौड़ा, पाटण से पटणी इत्यादि ग्रामों परसे ज्ञातियों का नाम पड़ जाता है। इसी माफिक उएश, उकेश, उपकेश जाति का नाम पड़ा है। इससे यह सिद्ध होता है कि आज जिसको ओसियां नगरी कहते हैं उसका मूल नाम ओसियां नहीं पर उएसपुर था और आज जिनको ओसवाल कहते हैं उनका मूल नाम उएस, उकेश और उकेशवंश ही था। उपकेशवंश का जैसे उपकेशपुर से सम्बन्ध हैं वैसा ही उपकेशगच्छ से हैं क्योंकि उपकेशपुर में नये जैन बनाने के बाद रत्नप्रभसूरि या आप की सन्तान उपकेशपुर या उसके आसपास विहार करते रहे, अतः इन समूह का ही नाम उपकेशगच्छ हुआ है, अतएव उपकेशवंश का गच्छ उपकेश गच्छ होना युक्तियुक्त और न्यायसंगत ही हैं। इतना ही क्यों पर इस समय के बाद भी ग्रामों के नाम से कई गच्छ प्रसिद्धि में आये है जैसे कोरंटगच्छ, शंखेश्वरगच्छ, नाणावालगच्छ, वायटगच्छ, संडेरागच्छ, हर्षपुरियागच्छ, कुर्चपुरागच्छ, भिन्नमालगच्छ, साचौरागच्छ इत्यादि । यह सब ग्रामों के नाम से अर्थात् जिस जिस ग्रामों की और जिन जिन साधु समुदाय का अधिक विहार हुआ वे वे समुदाय उसी ग्राम के नाम से गच्छ के रुप में ओलखाने लग गए। अतएव उपकेशवंश का मूल स्थान उपकेशपुर और

Loading...

Page Navigation
1 ... 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256