________________
खण्डहरोंका वैभव
जायगी, और इस उपाधि-लोभ के बहाने देशकी सांस्कृतिक सम्पत्तिका भो संरक्षण हो जायगा । दुर्भाग्यकी बात है कि स्वतन्त्र भारतकी प्रान्तीय सरकारका ध्यान इन कलात्मक प्रतीकोंकी ओर बिलकुल आकर्षित न हो सका ।
४१०
जबलपुर, २६ सितम्बर १९५१
Aho! Shrutgyanam