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भगवान श्री महादौर की २५वीं निर्माण शताब्दी के उपलक्ष्य में
श्रीमद् देवेन्द्रसूरि विरचित कर्मविपाक नामक
कर्मग्रन्थ
[সन নান]
[मूल. गाथार्थ, विशेषार्थ विवेचन एवं टिप्पण तथा परिशिष्ट युक्त ]
व्याख्याकार मधरकेसरी प्रवर्तक
मुनि श्री मिश्रीमल जी महाराज
संक
श्रीचन्द सुराना 'सरस' देवकुमार जैन
प्रकाशक
श्री मरुधर केसरी साहित्य प्रकाशन समिति जोधपुर-ब्यावर
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