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कहते हैं। जैसे यह वही घोडा है। यह वही घडा है। मन से भविष्य के बारे में चिंताजनक विचार करें उसे 'चिन्ता' कहते हैं । यादशक्ति या स्मरणशक्ति को ही स्मृति कहते हैं । मति ये यहां बुद्धि अर्थ भी ग्राह्य है । बुद्धि जन्य ज्ञान, बौद्धिक ज्ञान को ही मतिज्ञान कहते हैं। अतः मनन, स्मरण संज्ञान या चिन्तन क्रिया के द्योतक मति आदि शब्द है। यद्यपि शब्द भेद है परंतु अर्थ भेद नहीं होने से सभी शब्द समानार्थक है। .
___ मतिज्ञान किस तरह होता है ? इस विषय में सूत्र है - 'तदिन्द्रियानिन्द्रिय -निमित्तम्' । अर्थात् - मतिज्ञान इन्द्रिय और अनिन्द्रिय (मन) से उत्पन्न होता है। ये दोनों ज्ञानोत्पत्ति में सहायक है। साधनभूत है। निमित्त कारण है। बिना किसी माध्यम के सीधे आत्मा से न होकर मन और इन्द्रियों के द्वारा होता है अतः मतिज्ञान तथा श्रुतज्ञान दोनों परोक्षज्ञान गिने जाते हैं। इन्द्रिय शब्द की व्युत्पत्ति भी तत्त्वार्थवार्तिककार ने इस तरह की है - 'इन्द्रस्यात्मनोऽर्थोपलब्धिलिङ्गमिन्द्रियम्' इन्द्र शब्द से आत्मा अर्थ लेते हैं। कर्ममलीमस आत्मा कर्मावरण सहित होने से स्वयं पदार्थों के ग्रहण में असमर्थ होती है। उसी आत्मा के अर्थोपलब्धि में लिङ्ग अर्थात् द्वार या कारण इन्द्रियां होती है। अनिन्द्रिय अर्थात् मन । मन आत्मा नहीं है, और आत्मा मन नहीं है, यह ध्यान में रखें। दोनों स्वतंत्र भिन्न भिन्न द्रव्य है। मन जड पौद्गलिक द्रव्य है। जबकि आत्मा चेतन द्रव्य है। अतः मन एवं इन्द्रियों के माध्यम से ज्ञान आत्मा को होता है। मुख्य रूप से ज्ञान का मूल स्रोत आत्मा है। इन्द्रियां और मन ये कारण रूप से साधन है। माध्यम है । इनके माध्यम से आत्मा को ज्ञान होता है। ज्ञान कैसे उत्पन्न होता है ?, - मन और इन्द्रियों की सहायता से ज्ञान कैसे उत्पन्न होता है ? उसकी पद्धति बताई गई हैं। अवग्रहेहावायधारणाः । मतिज्ञान की उत्पत्ति में चार क्रम है। (१) अवग्रह (२) ईहा (३) अपाय (अवाय) और (४) धारणा । यह उत्पत्ति क्रम है।
- क्रमशः इसी पद्धति से ज्ञान उत्पन्न होता है। अवाय ४
(१) अवग्रह - सिर्फ वस्तु का सामान्याकार ज्ञान हो, जैसे कुछ है। लेकिन नाम-जाति आदि विशेष बोध न हो ऐसा निराकार सामान्य बोध मात्र अवग्रह ज्ञान कहलाएगा। मेरे
पैर के नीचे कुछ स्पर्श हुआ। मैंने अभी कुछ देखा था। लेकिन क्या यह निर्णय नहीं है। ..
(२) ईहा - अवग्रह में कुछ है' इतना ही जो अंश जाना था उसमें क्या है? कर्म की गति नयारी
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धारणा
ईहा | ३ २
अवग्रह | १