Book Title: Kamal Labdhi Mahoday Kavyam
Author(s): Vrajnath Narayan Acharya
Publisher: Lakshmichand Kochar

View full book text
Previous | Next

Page 190
________________ (६१) द्रुतविलंबित विजयसागर उग्रतपा गणी स पमुपाधिधरः श्रमणः क्षमी । त्रिमुनिना च सदाऽऽगमत्सुको निरतिचार सुसंयमपालकः मालिनी० सुजसविजयनामा प्रापब्लासिचेताः विमलविजयनाम्ना साधुनैकेन सार्धम् । गुणिगणगणनीयौ सत्तपस्यौ नमस्यौ विजयपर मुनिश्री चन्द्रकीर्ती समेतौ ॥ १२७ ॥ उपजाति० वस्वष्टनिध्ये कमिते सुवर्षे चैत्रे सिते कम्निजिनेशतीर्थे । ॥२२६॥ आष्टादिकाssव्धमदामदे हि सप्ताऽष्टसाहस्रजनाः समीयुः ॥१२८॥ वसन्त ० इत्थं सपादशत सम्मितसन्मुनीनां चोपस्थितौ प्रवरमोनसदाऽनुमत्या ।

Loading...

Page Navigation
1 ... 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246