Book Title: Kahan Katha Mahan Katha
Author(s): Akhil Bansal
Publisher: Bahubali Prakashan

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Page 11
________________ पालजमें. जब कहान 19 वर्ष के थे. स घोडी के नीचे तो अचार की बर्नी रखी है. 04 - (बहत दिनों से) आम का अचार) नहीं खाया,आज तो अचार के साथ) (ही भोजनकरु 009 अरे,यहक्या ? इसमें इतो छोटे-छोटे जीव दिखाई दे रहे हैं! ०० TAITARAN ओह! यदि बिना (देखे खा लेता तो... अब मैं अचार कभी नहीं खाऊंगा, आज से हीजीवन पर्यन्त के लिये इसका त्याग करता है। SEE

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