________________
सोनगढ़-बैशाख सुदी-2,सं. 2004 देश के कोने-कोने सेलोगों ने आकर पू.गुरु
आज पू.गुरुदेव श्रीकानजीस्वामीकी देव श्रीकीजन्म-जयन्तीमनाइतथा उनका 59 वीं जन्मजयन्ती पहलीबार विशेष
| उपकार मानतेहुए उनकेदीचीयुकीकामना की 20 उत्साह पूर्वक मनाई जायेगी.
पूज्य गुरुदेव शतायुहो.
MIN आयोजित सभा में पू. गुरुदेव श्री ने उद्गार व्यक्त करतेहुएकहा
अरे,यह मनुष्य जीवन और उसमें भी सर्वज्ञकाजैनधर्म तथा सर्वज्ञका यह मार्ग मिला, फिर भी अभी तकतू सच्चे देव के स्वरूप को न पहचानेतो तेरा उद्धार कैसे होगा उद्धार का ऐसा अवसर मिलना दुर्लभ है. इसलिए तू तत्व निर्णय वसम्यग्दर्शन का
प्रयत्न कर.
Sum
अनेक भाईबहनों ने गुरुदेव श्रीसे ब्रह्मचर्य व्रत धारण किया,
ब्रह्मचर्यव्रतकीटों का ताजहै। आपलोग अच्छी तरह सोचलो,
हम सबने सोच लिया है. ब्रह्मचर्य व्रत धारणकर हम यहीं आपके समागम में रहना चाहते है।
M
२६
IANP