Book Title: Kahan Katha Mahan Katha
Author(s): Akhil Bansal
Publisher: Bahubali Prakashan

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Page 21
________________ सेठ हुकमचन्द ने स्वामी जीका सं. 2002 मगसर सुदी ।० को कुन्द प्रवचन सुना, तत्व चर्चा की. कुन्द प्रवचन मण्डप का शिलान्यास प्रभावित होकर उन्होने 25 किया गया. यह सं. 2003 में बन कर हजार रुपये प्रदान किये . तैयार हुआ। उदद्याटन सर सेठ हुकम चन्द मे किया तथा 35 हजार रुपये और प्रदान किये । इसी वर्ष 'श्री भारत वर्षीय दि.जैन विदृत्वरिषद'का तृतीय वार्षिक अधिवेशन सोन गढ़ में हुआ. (H विद्वत्परिषद के अध्यक्ष श्री पं० यहां पर परिषद का अधिवेशन करने से कैलाशचन्द्रजी सिद्धान्तशास्त्री हमसबको महाराजश्री के पास से आध्यात्म ने अपने प्रवचन में कहा- काबहुत लाभ मिलाहै . PUP-पारगम्पोम्पाUTUUR सामागमा

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