Book Title: Jiye to Aise Jiye Author(s): Chandraprabhsagar Publisher: Pustak Mahal View full book textPage 8
________________ अंदर के पृष्ठों में जीवन से बढ़कर ग्रंथ नहीं मधुर जीवन के मूल मंत्र बोएँ वही जो फलदायी हो स्वस्थ मन से करें दिन की शुरुआत पेश आएँ शालीनता से पहचानें, समय की नज़ाकत कोशिशों में छिपी कामयाबियाँ जीवन-विकास के नायाब पहलूशिक्षा और स्वाध्याय लगे बुहारी अंतर्-घर में सुधरे संस्कार-धारा प्रेम से बढ़कर प्रार्थना क्या! मन की धरा रहे उर्वर दो मंत्र : मन की शांति के लिए कैसे करें चित्त का रूपान्तरण स्वस्थ सोच के स्वामी बनें सकारात्मक हो जीवन-दृष्टि जीवन की चिकित्सा ध्यान के द्वारा Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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