Book Title: Jinabhashita 2008 03 Author(s): Ratanchand Jain Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra View full book textPage 5
________________ आत्मविश्वास जागरित होता है और उसकी प्राप्ति के उपाय के रूप में गुणों के विकास के लिए रत्नत्रय की साधना के विश्वास से परावलंबन एवं अंधभक्ति की दीनता दूर होकर स्वपुरुषार्थ जागरित होता है। अतः सर्वोदयी, सर्वकल्याणकारी दिगम्बरजैनधर्म के द्वारा स्थापित व्यक्ति में अपने दुर्गुणों को दूर कर गुणों को जागरित करने के सिद्धांत के जन-जन में प्रचार की मंगल भावना से प्रेरित है यह 'गुणायतन' की प्रभावक योजना। शुभ समाचार यह है कि परम पूज्य आचार्य विद्यासागर जी महाराज के आशीर्वाद से दिनांक २४ फरवरी २००८ को प्रातःकाल के श्रेष्ठ मुहूर्त में न्यासीगण एवं अन्य विशिष्ट व्यक्तियों के अतिरिक्त परम पूज्य मुनि श्री प्रमाणसागर महाराज के ससंघ सान्निध्य में 'गुणायतन' का शिलान्यास निर्विघ्न सम्पन्न हो गया है। आशा है गुणायतन का निर्माण जैनाजैन जनता में दिगम्बर जैनधर्म के सार्वकालिक, सार्वजनीन एवं सर्वोदयी सिद्धांतों को प्रकाश एवं ध्वनि की तकनीक से प्रभावी ढंग से प्रचारित कर उन्हें आत्मगुणों के विकास के लिए पुरुषार्थ की ओर प्रेरित करेगा । स्वागत है 'गुणायतन' प्रकाश झा के सीरियल में 'बाहुबली' अपराधी जैनधर्म के प्रवर्तक प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव के पुत्र भगवान् बाहुबली जैन समाज के प्रमुख आराध्य देवताओं में से एक हैं। जैन समाज में भगवान् बाहुबली का महत्त्वपूर्ण स्थान तो है ही लेकिन दक्षिण भारत के श्रवणबेलगोला में एक ही पत्थर से निर्मित 56 फुट ऊँची भगवान् बाहुबली की विशाल मनमोहक, दर्शनीय प्रतिमा से भला आज कौन परिचित नहीं है, जिसका प्रत्येक 12 वर्ष बाद महामस्तकाभिषेक अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर होता है । गोम्मटेश के नाम से ख्याति प्राप्त इस प्रतिमा के दर्शनों के लिए देशविदेश के हजारों पर्यटक, यात्री बाहुबली के चरणों में पहुँचते हैं और वहाँ पहुँचकर जहाँ वह प्रतिमा को देखकर आश्चर्य में पड़ जाते हैं, वहीं उन्हें एक अपूर्व शांति का सुखद अहसास भी होता है । परन्तु दुःखद है कि ऐसे महान् 'बाहुबली' भगवान् के नाम का गलत प्रयोग आजकल देखा जा रहा है, जो निंदनीय और हास्यास्पद है। अब तो हद हो गयी है, सुप्रसिद्ध फिल्म निर्माता- निदेशक प्रकाश झा मुंबई एक सीरियल लांच कर रहे हैं। जो आपराधिक पृष्ठभूमि से जुड़े लोगों पर केन्द्रित है, जिसका नाम उन्होंने 'बाहुबली' रखा है। यह निश्चित ही केवल जैनियों की श्रद्धा- आस्था पर ही नहीं वरन् सम्पूर्ण भारतीय संस्कृति पर हमला है। क्या प्रकाश झा कोई दूसरा नाम नहीं रख सकते? जैन समुदाय के किसी विशेष आराध्य देवता के नाम पर इस प्रकार के सीरियल का नाम रखा जाना जैन संस्कृति के साथ खिलवाड़ तथा जैनियों की आस्था और श्रद्धा पर कुठाराघात है। लेकिन जैन समाज भी चुप नहीं बैठेगी और इसका पूरजोर विरोध करेगी। मूलचन्द्र लुहाड़िया जैन समुदाय को चाहिए की सभी एकजुटता का परिचय देते हुए इसका प्रबल विरोध करे। प्रकाश झा को सीरियल से 'बाहुबली' शब्द हटाने को मजबूर किया जाय, ताकि जैन अस्मिता पर हो रहे हमले को रोका जा सके। जगह-जगह से विरोध पत्र, एस.एम.एस., ई मेल आदि भेजे जाना चाहिए तथा मीडिया में इसको पूरी तवज्जो देना चाहिए। यदि हम सीरियल से 'बाहुबली' शब्द नहीं हटवा सके तो निश्चित ही यह हमारी बड़ी भूल होगी, जिसके लिए इतिहास हमें कभी माफ नहीं करेगा। Jain Education International For Private & Personal Use Only मार्च 2008 जिनभाषित 3 www.jainelibrary.orgPage Navigation
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