Book Title: Jinabhashita 2008 03
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

View full book text
Previous | Next

Page 33
________________ समाचार पूज्य उपाध्याय ज्ञानसागर जी दमोह में का अभिषेक एवं जिन प्रतिमाओं पर बृहत् शान्तिधारा श्रमण संस्कृति उन्नायक, सराकोद्धारक, शिक्षा | की गई। तत्पश्चात् विधान पूजन में पाटनी परिवार के प्रसारक जैन संत पूज्य उपाध्यायरत्न 108 श्री ज्ञानसागर | सभी सदस्यों के अतिरिक्त स्वजनों, परिजनों एवं आमंत्रित जी महाराज का संस्कारधानी जबलपुर में सफल चातुर्मास | सज्जनों ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर पुण्यार्जन किया। श्री उपरांत दमोह जिला की ओर मंगल विहार हुआ। जबलपुर | रतनलाल जी बैनाड़ा (जो आदि के बड़े नाना होते हैसे पद विहार करते हुये महाराजश्री बेलखाडू, बोरिया, | सपत्नीक पधारे थे) ने पूजा को रोचक बनाते हुए चौंसठ कटंगी, जबेरा होते हुये बुंदेलखण्ड की पावन भूमि में | ऋद्धियों के शब्दार्थ, भावार्थ एवं विशद् व्याख्या द्वारा प्रविष्ट होकर मानव मात्र को अहिंसा का सन्देश देते | विवेचन करते हुए पूजार्थियों के उपयोग को केन्द्रित रखते हुए दिनांक 15 फरवरी 08 को ग्राम नोहटा में पधारे।। हुए लाभान्वित किया। ग्राम नोहटा के समीप श्री दिगम्बर जैन अतिशय तीर्थ | इस अवसर पर जिनालय एवं परिसर को अत्यन्त क्षेत्र आदीश्वरगिरि के दर्शन करने के उपरान्त आपके | मनोहारी ढंग से सजाया गया था। प्रातः 9 बजे से 2.30 पावन सान्निध्य में ग्राम नोहटा में एक सर्वधर्म सभा | बजे तक चली पूजा के पश्चात् जन्मोत्सव कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न धर्मों के विद्वानों | में शाकाहारी केक की रस्म अदायगी के साथ ही स्वरूचि ने अपने सुचिन्तित विचार रखे। इसी के साथ ग्राम नोहटा | भोजन के आयोजन में अनेकों गणमान्य अतिथियों को में ग्राम पंचायत स्तर श्रेष्ठ विद्यार्थियों का प्रतिभा सम्मान | आमंत्रित किया गया था। जिनमें चिंरजीवी आदि के नाना कार्यक्रम रखा गया। दिनांक 17 फरवरी 08 को पूज्य | श्री हीरालाल जी बैनाड़ा सपत्नीक पधारे थे। शीला जी उपाध्याय श्री दमोह नगर में प्रविष्ट हुये। जैन पंचायत | डोंड्या तथा महासमिति की 30-40 महिलाओं ने भी दमोह के पदाधिकारियों तथा काफी संख्या में भक्तजनों | पुण्यार्जन किया था। में जबलपुर नाका पहुँचकर गाजे-बाजे के साथ महाराजश्री | इस मंगल बेला पर उपस्थित महानुभावों ने चिंरजीवी की भव्य अगवानी की। महाराजश्री ने महाराणा चौक, | आदि को सुखद, स्वस्थ्य जीवन का आशीर्वाद देते हुए बेलाताल, जिला जेल, कीर्ति स्तम्भ, अंबेडकर चौक, | उनके दीर्घजीवन की मंगल कामना की। बिंदन चौराहा होते हुए जैन धर्मशाला में पदार्पण किया। | इस पुनीत अवसर पर पाटनी परिवार की ओर लोगों ने जगह-जगह महाराजश्री की आरती उतारी व | से श्री जिनालय को चांदी की एक झारी व एक लाख पादपक्षालन किया। पचास हजार की नकद राशि सादर भेंट की। __डॉ० एल० सी० जैन, दमोह कुसुम कटारिया श्री आदिनाथाय नमः दिगम्बर जैन महिला महासमिति, आर० के० मार्बल के वर्तमान पितामह श्री कंवरलाल किशनगढ़ संभाग जी चतरदेवीजी पाटनी के प्रपौत्र अशोककमारजी सशीलाजी | जेल भेजे जाएँ कानून तोड़ने वाले : हाइकोर्ट पाटनी के सुपौत्र एवं श्री विनीत शुचि के सुपुत्र चिंरजीवी जबलपुर। "मध्यप्रदेश हाइकोर्ट ने शहर की सड़कों आदि का प्रथम जन्मोत्सव दिवस दिनांक 17 जनवरी के किनारे मांस-मछली के व्यापार के रिवाज को आडे 2008 को धार्मिक एवं मांगलिक कार्यक्रमों द्वारा पूर्ण | लेते हुए कहा कि जो नियम-कानून का पालन न करें सादगी से हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। उन्हें सीधे सलाखों के पीछे भेजो।" उक्त आशय का इस अवसर पर सांगानेर (जयपुर) के अतिशयकारी | समाचार भोपाल, मध्यप्रदेश से प्रकाशित सुप्रसिद्ध दैनिक आदिनाथ बाबा के जिनालय (संघीजी के मंदिर जी) | समाचार पत्र 'राज एक्सप्रेस', में शनिवार, 2 फरवरी, में श्री चौंसठ ऋद्धि विधान पूजा का संगीतमय आयोजन | 2008 के पृष्ठ 5 पर 'मध्यप्रदेश' शीर्षक के अन्तर्गत मर्द्धन्य विद्वान श्री रतनलाल जी सा० बैनाडा आगरा के | 'राज न्यूज नेटवर्क' के माध्यम से प्रकाशित हआ है। निर्देशन में किया गया। प्रारम्भ में श्री मूलनायक प्रतिमाजी | जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव मार्च 2008 जिनभाषित 31 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 31 32 33 34 35 36