Book Title: Jina Snatra Vidhi
Author(s): Jivdevsuri, Vadivetalsuri, Lalchandra Pandit
Publisher: Jain Sahitya Vikas Mandal

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Page 192
________________ परिशिष्टम् [२] इतिहासोपयोगि-विशेषनाम-सूची । विशेषनाम पृष्ठे विशेषनाम पृष्ठे अग्नि (हुतभुक् दिक्पाल) | कनकाद्रि ५०-५१ ५७,५८, कीर्ति (देवी) अपरविदेह ८०,८१ / कुबेर(गुह्यकेश्वर,धनद दिपाल) अपराम्भोधि (पश्चिम समुद्र) ५५-५६,५९-६१ ७७-७९,८३ | केसरी (हृद) ८०,८१,८५ अभिषेक-वारि ६९-७०,८३ | कोसंबी (कौशाम्बी) ३७ अभिषेकादि-महोत्सव १०० क्षीरोद (क्षीरोम्भोधि दुग्धसिन्धु) अर्हत्-स्नात्र अर्हदभिषेक ८२,८३ गंगा(नदी) ७६-७७ अर्हदायतन गोग्गटाचार्य १,३,८,४१ अर्हद्-वाक्य घृताम्भोधि आचार्य-विद्या ३१ चन्द्रकुल ४१ आदिदेव(ऋषभनाथ) ५०-५१ चैत्य-सद्म आरत्रिकावतारण १०७ चैत्यालय १०१ इन्द्र(शक दिक्पाल) ५५-५६ जयदेव(छन्दःशास्त्रकार) ईशान (दिकपाल) ५५,६२ | जिन-पूजा १०० उत्तरकुरु ८०-८१ जिन-बिम्ब ऐरावत ६६,७५,१००,१०४ कंचण(कांचन)गिरि १८,३२ जिन-भवन २४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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